इंदौर। Indore News: नकली दूध के बढ़ते व्यापार पर पाबंदी लगाने के लिए कलेक्टर आशीष सिंह ने नई व्यवस्था शुरु की है। अब आप दूध डेयरी पर ही इसकी जांच कर सकेंगे कि दूध असली है या नकली। कलेक्टर ने आदेश दिए है कि सभी डेयरी संचालक अपनी-अपनी डेयरी पर फैट चेक मशीन लगाएंगे।
जिससे ग्राहक मशीन में दूध डालकर शुध्दता की जांच कर सके। हालांकि कलेक्टर ने अभी कोई डेडलाइन नहीं दी है, कि किस तारीख ये व्यवस्था शुरु होगी।
कलेक्टर ने दिया आदेश
कलेक्टर ने कहा कि हम सिर्फ डेयरी संचालकों को मशीन लगाने नहीं कह रहे हैं इसके अलावा हम डेयरी में एक बोर्ड भी लगवाएंगे जिससे ग्राहक खुद दूध को कैसे चेक करना है, वह जान सके। इससे ग्राहकों को दूध की क्लाविटी का पता चल सकेगा।
इंदौर में करीब 1500 डेयरियां
बता दें कि इंदौर में करीब 1500 डेयरियां है। ज्यादातर डेयरी संचालक फैट चेक मशीन खरीद लेते हैं, लेकिन ग्राहकों को इसकी जानकारी नहीं देते हैं। लेकिन अब कलेक्टर के आदेश के बाद डेयरी संचालकों को फैट चेक मशीन रखना जरुरी होगा। अगर कोई डेयरी संचालक मशीन नहीं लगाता है तो इसकी शिकायत करने के लिए वाट्सएप नंबर 940676408 भी जारी किया है।
आसपास के इलाकों से आता है दूध
इंदौर में आसपास के इलाकों से दूध आता है। किसानों इन डेयरियों में दूध बेचते हैं। डेयरी संचालक फैट मशीन से चेक करने के बाद ही दूध लेते हैं फिर लोगों की शिकायतें मिलती हैं कि दूध में मिलावट की जा रही है। इसलिए अब कलेक्टर ने ये नई व्यवस्था शुरु करने की बात कही है।
नकली दूध बेचने वाले पर होगी कार्रवाई
दूध में अगर तय मात्रा से कम फैट पाया जाता है तो डेयरी संचालक पर कार्रवाई की जाएगी। फूड इंस्पेक्टर मनीष स्वामी ने कहा इसमें एक साल की सजा और जुर्माने का भी प्रवाधान है। उन्होंने बताया कि फैट मशीन में अगर दूध में मिलावट होने की पुष्टि होती है तो सैंपल राजधानी भोपाल भेजे जाएंगे।
दूध में मिलावट करने के लिए अक्सर ही दूध विक्रेता यूरिया, पॉम ऑइल, रंग, डिटर्जेंट मिलाते हैं जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर खराब प्रभाव पड़ता है। मिलावट खोरों पर दोष तय होने पर 1 लाख रु. से 10 लाख रु. तक की पेनल्टी लग सकती है।
जिला स्तरीय सलाहकार समिति की मीटिंग में कलेक्टर ने मिलावट खोरों पर सख्ती करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि लोगों की सेहत से खिलावाड़ करने वाले लोगों छोड़ा नहीं जाएगा।