भोपाल। Dog Bite News: राजधानी में लगातार डॉग बाइट की घटनाएं बढ़ रही हैं। बीते एक साल में राजधानी में करीब 21 हजार लोगों को डॉग ने शिकार बनाया है।
वहीं बीते 15 दिनों में ही राजधानी में दो मासूमों की मौत भी आवारा (Dog Bite News) कुत्तों के काटने से हो गई है। अब समस्या खड़ी ये हो गई है कि खूंखार कुत्तों के हमलों से कैसे बचा जाए, और ये आखिर दिसंबर माह के आखिरी सप्ताह से जनवरी माह में ही क्यों ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं।
हर साल इसी माह में सबसे ज्यादा (Dog Bite News) कुत्तों के हमलों की शिकायतें और उनके शिकार लोग रेबीज का इंजेक्शन लगवाने के लिए अस्पताल पहुंचना शुरू क्यों हो जाते हैं ?
हम आज बात करेंगे आखिर आवारा कुत्ते दिसंबर-जनवरी में ही क्यों आक्रामक हो जाते हैं, इसका समाधान क्या है, और जनवरी माह में होने वाले मौसम में बदलाव का इन पर क्या असर पड़ता है।
आवारा कुत्तों के आतंक और उनके हमले से कैसे बचा जा सकता है इसके बारे में अब हम जानते हैं…
इसलिए आक्रामक होते हैं कुत्ते
पिछले दिनों संभागायुक्त डॉ. पवन शर्मा नगर निगम की राजधानी में हो रही लगातार (Dog Bite News) डॉग बाइट की घटनाओं को रोकने के लिए बैठक बुलाई थी।
इस बैठक में कलेक्टर, नगर निगम आयुक्त समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे। इसी बैठक में समीक्षा बैठक में उप संचालक पशु चिकित्सा ने बताया कि तेज ठंड के अलावा,
इन दिनों में खाने की कमी और नवजात पिल्लों की सुरक्षा को लेकर मादा डॉग आक्रामक होती हैं। इसलिए इन दिनों में डॉग बाइट के केस ज्यादा होते हैं।
जिला पुश चिकित्सालय सीहोर के उप संचालक ने बताए डॉग के आक्रामक होने के कारण
पशु चिकित्सा विभाग में उप संचालक के पद पर पदस्थ डॉ. एकेएस भदौरिया से डॉग के व्यवहार को लेकर विस्तार से चर्चा की गई।
उन्होंने बताया कि ठंडी से गर्मी की तरफ बढ़ते और बदलते मौसम, ब्रीडिंग का समय, डॉग के लगातार भूखे रहने, रेबीज से ग्रसित डॉग के व्यवहार में बदलाव होने से (Dog Bite News) डॉग आक्रामक हो जाता है।
सड़कों पर भूखे रहते हैं आवारा कुत्ते
डॉ. भदौरिया ने बताया कि सड़कों पर (Dog Bite News) डॉग बाइट की जो घटनाएं हो रही हैं, उसमें सबसे बड़ा कारण हैं, वह डॉग के भूखे रहने का है। डॉग जब भूखा होता है तो वह और ज्यादा आक्रामक होता हैं।
ऐसे समय में वह छोटे शिकार की तलाश में रहता है और छोटे बच्चों या फिर पशुओं पर हमला कर देता है।
इतना ही नहीं जब मादा भूखी होती है और उसके बच्चे छोटे होते हैं तो उस अवस्था में वह भी उतनी ही आक्रामक रहती है। इनके हमलों से बचने के लिए इनकी बैठने की अवस्था के अनुरूप ही इनके साइड से निकलें। शिकार वाली पोजीशन यानी आगे के दोनों पैर सामने और पीछे के दोनों पैर (Dog Bite News) डॉग की बॉडी के अंदर होने वाली अवस्था के समय उसके आसपास जाने से बचें।
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रेबीज रोग से ग्रसित डॉग
बता दें कि दिसंबर-जनवरी माह में अधिकतर (Dog Bite News) डॉग आक्रामक हो जाते हैं। इस दौरान किसी डॉग रेबीज से ग्रसित हो जाता है तो वह अपने समूह में रहने वाले सभी डॉग को शिकार बनाना शुरू कर देता है।
इसके अलावा ये पशुओं को भी अपना शिकार बना लेता है। साथ में जब कोई बच्चा या व्यक्ति इसके आसपास आता है तो ये उसे भी काट लेता है।
ये डॉग हमेशा असामान्य दिखाई देता है। ये डॉग आम डॉग से अलग ही दिखने और व्यवहार करने लगता है।
ये है सबसे बड़ा कारण, जिससे डॉग होते हैं हमलावर
उप संचालक पशु चिकित्सा डॉ. एकेएस भदौरिया ने बताया कि अमूमन डॉग के व्यवहार में बदलाव दिसंबर से ही शुरू हो जाता है। जनवरी माह में इनका व्यवहार पीक पर होता है।
ये डॉग झुंड में सड़कों पर घूमते हैं। इनके समूह में होने की अवस्था में अमूमन लोगों को उनके आसपास से जाने से बचना चाहिए। क्योंकि समूह में होने से ये और ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं और समूह में हमला करते हैं।
बता दें कि जनवरी माह में (Dog Bite News) डॉग का ब्रीडिंग काल होता है। इसलिए ये सबसे ज्यादा समूह में होकर घूमते हैं। ब्रीडिंग से पहले या ब्रीडिंग के दौरान यदि इनसे छेड़छाड़ की जाती है तो ये और ज्यादा आक्रामक होकर हम पर हमला कर देते हैं।
इनके गर्मी के काल का समय भी यही उचित होता है। डॉग की मीटिंग पूरी हो जाने के बाद ये पूरी तरह से शांत हो जाते हैं।
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अपने बच्चों की सुरक्षा के लिए हमला
डॉ. भदौरिया के अनुसार माता बिच के प्रजनन काल का समय चार माह का होता है। दिसंबर माह के आसपास ही अधिकतर बिच अपने बच्चों को जन्म देती है।
ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर वह हमेशा सचेत रहती है। इस अवसस्था में यदि कोई उसके बच्चों के पास जाता है, या फिर कोई ऐसी हरकत करता तो वह हमला कर देती है। इसके बच्चों के भोजन के लिए भी वह चिंता में रहती है, सड़कों पर आवारा बिच भी हमें देखने को मिल जाती हैं।
ये अपने बच्चों के भोजन की तलाश में रहती हैं, इसी बीच यदि कोई पशु या फिर छोटा बच्चा उसके आसपास आ जाता है तो वह हमला कर देती है।
इसलिए बच्चों को अकेले नहीं छोड़ना चाहिए, विशेषकर जब तब आपके क्षेत्र में आवारा कुत्तों की जमघट ज्यादा हो।
इस नंबर पर दे सकते हैं सूचना
बता दें कि राजधानी के किसी भी क्षेत्र में (Dog Bite News) डॉग बाइट या कुत्तों के आतंक की सूचना नगर निगम के कॉल सेंटर 155304 पर दी जा सकती है।
बच्चों को समझाएं कि आवारा कुत्तों से दूरी बनाकर चलें। उनसे अनावश्यक छेड़छाड़ न करें। उनके ऊपर पत्थर न मारें। ठंड से बचने के लिए शेड या कार के नीचे कुत्ता बैठा हो तो उसे भगाएं नहीं।
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एक साल में 21 हजार से ज्यादा मामले
बता दें कि राजधानी भोपाल में पिछले कई सालों से कुत्तों का आतंक जारी है। राजधानी में यदि एक साल के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुत्तों के काटने के मामले सबसे ज्यादा सामने आ चुके हैं।
बता दें कि बीते एक साल में कुत्तों के काटने के 21 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। जबकि पिछले 5 सालों में आवारा कुत्तों के काटने से 5 मासूमों की मौत हो चुकी है।
कब लगवाना चाहिए इंजेक्शन
डॉक्टर के अनुसार कुत्ता काटने के 24 घंटे के अंदर तक एंटी रेबीज का इजेक्शन हर हाल में लगवा लेना चाहिए। वरना कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं।
अक्सर (Dog Bite News) कुत्ता काटने के बाद पांच इंजेक्शन लगवाना पड़ता है, लेकिन पहला इंजेक्शन 24 घंटे में ही लग जाना चाहिए। इसके बाद दूसरा इंजेक्शन तीसरे दिन, तीसरा 7वें दिन, चौथा 14वें दिन और आखिरी 28वें दिन लगता है।
डॉक्टर बताते हैं कि कभी-कभी इंजेक्सन लगाने के बाद कुछ लोगों को बुखार जैसी समस्या हो सकती है।
डॉग के ये व्यवहार है तो रहे सावधान
- भय: डॉग कभी-कभी किसी व्यक्ति को देखने के बाद भयभीत महसूस करते हैं और उनके पास स्वयं के बचाव के के लिए तुरंत हमला करना होता है। वे भयभीत या चिंतित कुत्ते हैं जो असुरक्षित, घिरे या फंसने पर आक्रामक हो सकते हैं।
- दर्द: एक अच्छा स्वभाव वाला कुत्ता दर्द से प्रेरित होकर आक्रामक करता है। उसको डर होता है कि उस पर हमला हो सकता है, इससे वह खुद ही हमला कर देता है।
- एरिया: आमतौर पर कुत्ता अपने क्षेत्र में अधिक आक्रामक होता है। वह अपना वर्चस्व कायम रखने के लिए ऐसा करता है।
- ब्रीडिंग काल: नर डॉग गर्मी में है और मादा के लिए वे एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं, और इसी तरह मादाएं पुरुष तक पहुंच के लिए प्रतिस्पर्धा कर सकती हैं। ऐसी अवस्था में आप दूर रहे, अन्यथा आप पर भी हमला हो सकता है।
- आक्रामक मां: ऐसा तब होता है जब एक मां बिच को लगता है कि कोई व्यक्ति या अन्य जानवर उसके पिल्लों के लिए खतरा हैं। ऐसी अवस्था में वह हमलावर रहती है।
- शिकार: जब डॉग अपने शिकार पर रहता है तो वह क्रोधित होता है, ऐसी अवस्था में यदि आप छेड़छाड़ करते हैं तो वह हमला कर सकता है।
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