MP News: भोपाल के एम्स ने आयुर्वेदिक तरीके से ब्रेस्ट कैंसर का उपचार खोज लिया है। ये खोज अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान AIIMS (एम्स) ने की है।मुनगा (मोरिंगा) की पत्तियों और फली से 3 प्रकार के बायो एक्टिव कंपाउंड बनाए गए, और इसे कोर ड्रग नाम दिया है।
कंपाउंड को बनाने में भोपाल (MP News) के इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च (आइसर) ने मदद की है। इस कोर ड्रग की 3 तरह की किस्म का इस्तेमाल ब्रेस्ट कैंसर सहित अन्य कैंसर डिजीज में भी किया जा रहा है।
AIIMS (एम्स) प्रबंधन के अनुसार, सबसे पहले कोर ड्रग को लैब में विकसित की गई 1 हजार कृत्रिम ब्रेस्ट कैंसर और नॉर्मल दोनों तरह की सेल्स में इस्तेमाल किया गया। जिससे ये निकलकर सामने आया कि कोर ड्रग ब्रेस्ट कैंसर की न्यू सेल्स को बनने से रोक रहा है।
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ब्रेस्ट कैंसर वाले चूहों को कोर ड्रग के ड्रॉप्स पिलाए गए। लगातार 15 दिन ऐसा किया गया, जिसका परिणाम 16वें दिन सामने आने लगा। चूहों में धीरे-धीरे ब्रेस्ट कैंसर की सेल्स नष्ट होने लगीं। करीब 3 तक चलाए गए इस प्रयोग से चूहे पूरी तरह ठीक हो गए। अब इसका इस्तेमाल मानव पर करने की तैयारी की जा रही है।
कोर ड्रग का चूहों पर नहीं हुआ कोई साइडइफेक्ट
AIIMS (एम्स) में चूहों की तरह-तरह की प्रजातियों पर रिसर्च हो रहे हैं। इस ड्रग का उपयोग चूहों पर किया गया। चूहों के 2 ग्रुप बनाए गए। एक समूह के चूहों में ब्रेस्ट कैंसर डेवलप किया गया। तो वहीं दूसरें समूह को सामान्य रखा गया।
जो चूहे सामान्य समूह में थे उनपर इस कोर ड्रग का कोई साइडइफेक्ट नहीं हुआ। इससे ये निष्कर्ष निकालकर सामने आया कि इस ड्रग का इस्तेमाल सामान्य सेल्स पर करने से कोई साइडिफिकेक्ट नहीं होता है। (MP News)
एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर
AIIMS (एम्स) (MP News) के बायोकेमिस्ट्री डिपार्टमेंट के डॉ. सुकेश मुखर्जी द्वारा बताया, कि जब इसका इस्तेमाल ह्यूमन पर किया जाएगा तो इस ड्रग को टेबलेट फॉर्म में लाया जाएगा।
साथ ही ब्रेस्ट कैंसर का इलाज कीमोथेरेपी के बिना हो सकेगा। ये एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर सहजन के पत्तों का पानी फ्री-रेडिकल्स और हानिकारक टॉक्सिन्स को खत्म करने में मदद करता है।
19 और 20 को रिसर्चर बताएंगे अनुभव
19 और 20 जनवरी को एसोसिएशन ऑफ क्लीनिकल बायो कैमिस्ट ऑफ इंडिया (ACBI) का सेंट्रल जोन एक्बीकॉन-2024 का आयोजन AIIMS (एम्स) में हो रहा है। देशभर से आए एक्सपर्ट्स और एम्स के छात्र AIIMS (एम्स) के अलट बिहारी वाजपेयी ऑडिटोरियम में कैंसर जनित रोगों पर चल रहे शोध के बारे में अपने रिसर्च और अनुभवों को बताएंगे।
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