Bangladesh Elections: बांग्लादेश की सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग (एएल) पार्टी ने देश के आम चुनावों में 70 प्रतिशत से अधिक संसदीय सीटें हासिल कर स्पष्ट बहुमत हासिल कर ली है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री शेख हसीना ने लगातार चौथी बार देश की सत्ता हासिल कर ली है। चुनाव आयोग (ईसी) के अधिकारियों ने रविवार देर रात शुरू में लगभग 290 सीटों के परिणाम घोषित किए हैं जिसमें सुश्री हसीना की पार्टी ने बहुमत हासिल कर ली।
#WATCH | Dhaka: As Bangladesh goes to poll for the 2024 general elections today, Prime Minister Sheikh Hasina says, "Our country is sovereign and independent…We have a big population. We have established people's democratic rights…I want to make sure that democracy should… pic.twitter.com/Nt48AnhEn6
— ANI (@ANI) January 7, 2024
शेख हसीना का चौथा कार्यकाल
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने कहा कि ”हम अबतक उपलब्ध परिणामों के आधार पर अवामी लीग को विजेता कह सकते हैं, लेकिन बाकी निर्वाचन क्षेत्रों में मतगणना खत्म होने के बाद अंतिम घोषणा की जाएगी।”
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हसीना ने गोपालगंज-3 संसदीय सीट(Bangladesh Elections) पर फिर से शानदार जीत दर्ज की। उन्हें 2,49,965 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं बांग्लादेश सुप्रीम पार्टी के एम निजाम उद्दीन लश्कर को महज 469 वोट ही मिले।
बांग्लादेश में साल 2009 से ही हसीना के हाथों में सत्ता की बागडोर है। इस बार एकतरफा चुनाव में वह लगातार चौथा कार्यकाल हासिल करने वाली हैं। प्रधानमंत्री के रूप में उनका अब तक का यह पांचवां कार्यकाल होगा।
चुनाव में हिंसा भी हुई
चुनाव आयोग के प्रवक्ता ने बताया कि हिंसा की कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर चुनाव अधिकांशत: शांतिपूर्ण रहा। एक पुलिस अधिकारी को धमकाने के कारण चुनाव आयोग ने उत्तरपूर्वी चट्टोग्राम में अवामी लीग के एक प्रत्याशी की उम्मीदवारी रद कर दी।
एक मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि यूक्रेन और जर्मनी के हैकरों द्वारा किए गए साइबर हमले की वजह से रविवार को बांग्लादेश चुनाव आयोग का एप धीमा हो गया और उसने समुचित रूप से काम नहीं किया।
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मेरी जिम्मेदारी लोगों के प्रति हैः शेख हसीना
इससे पहले यह पूछने पर कि बीएनपी के बहिष्कार के कारण यह चुनाव कितना स्वीकार्य है, इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी जिम्मेदारी लोगों के प्रति है। उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि लोग इस चुनाव को स्वीकार करते हैं या नहीं।
इसलिए मैं उनकी (विदेशी मीडिया) स्वीकार्यता की परवाह नहीं करती हूं। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आतंकवादी दल क्या कहता है या क्या नहीं कहता है। ‘
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