China Patriotic Education Law: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की बौखलाहट अब दुनिया के सामने आ रही है. देश एक के बाद एक चुनौतियों से घिरता जा रहा है.
कभी देश में रोजगार की घटती संख्या को लेकर युवा प्रदर्शन कर रहे हैं तो कभी अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से देश के व्यापारी विदेशों में ओर अपना रुख कर रहे हैं.
ताइवान के साथ चीन की दुश्मनी जगजाहिर है. ताइवान में आगामी चुनाव ने भी जिनपिंग की सिरदर्द बढ़ा दिया है.
इसी बीच चीनी सरकार को लगता है कि चीन के लोग अब देशभक्ति को तरजीह नहीं दे रहे हैं. सरकार मानती है कि लोग देश को लेकर देशभक्ति का भाव नहीं रखते हैं, इसलिए जिनपिंग की सरकार ने देशभक्ति शिक्षा कानून को अमल में लाया है. ये कानून अगले हफ्ते से चीन में लागू किया जाएगा.
‘स्कूल के सिलेबस में जोड़ा जाएगा देशभक्ति कानून’
देशभक्ति शिक्षा कानून का मकसद राष्ट्रीय एकता को बढ़ाना है. इस कानून के मुताबिक, सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रति छोटे बच्चों से लेकर सभी क्षेत्रों के श्रमिकों और पेशेवरों तक अपनी आस्था दिखानी होगी.
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बच्चों के स्कूलों में भी देशभक्ति कानून को सिलेबस में जोड़ा जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सरकारी अधिकारी ने कहा, इस कानून का मकसद चीन के “विचारों को एकजुट करने” और “एक मजबूत देश के निर्माण और राष्ट्रीय कायाकल्प के लिए लोगों की ताकत इकट्ठा करने” में मदद करना है.
विदेशों में भी अपनी सरकार का प्रचार कर रहा चीन
दिसंबर 2022 में चोसन मीडिया ग्रुप ने साउथ कोरिया में एक ऐसे रेस्टोरेंट का खुलासा किया था जहां जिनपिंग की आइडियोलॉजी का प्रचार किया जाता था.
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ये चीनी रेस्टोरेंट 2017 से राजधानी सियोल में चल रहा था. चोसन के मुताबिक, रेस्टोरेंट की आड़ में चीन देश में शी जिनपिंग और उनकी सरकार का प्रचार करने का काम कर रहा था. रेस्टोरेंट के अंदर जिनपिंग की आइडियोलॉजी से जुड़ी कई किताबें भी मौजूद थीं.
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