E20 Petrol: एथेनॉमल मिश्रित पेट्रोल (e20 petrol) के उपयोग के बेहतर रिजल्ट सामने आने लगे हैं। इसके इस्तेमाल से एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (Esy) 2022-23 में हमारे वातावरण में 108 लाख मैट्रिक टन (LMT) कार्बन डाइआक्साइड (CO2) कम उत्सर्जित हुई है।
इतनी ही कार्बन डाइआक्साइड (CO2) को अवशोषित करने में 2.35 लाख पेड़ को एक साल का समय लग जाता। पूरा विश्व पर्यावरण (environment) के दृष्टिकोण से नेट जीरो (net zero) की ओर बढ़ रहा है। ऐसे में भारत में एथेनॉमल मिश्रित पेट्रोल (e20 petrol) कार्यक्रम एक नई क्रांति लेकर आया है।
प्रदूषण से मिलेगी राहत
इथेनॉल मिक्स पेट्रोल (e20 petrol) से चलने वाली गाड़ी 35 फीसदी कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। अगर ई-20 फ्यूल का उपयोग बढ़ता है तो इससे प्रदूषण कम होगा।
बता दें कि भारत के कई बड़े शहर प्रदूषण (pollution) की चपेट में हैं, जिसे यूएन की संस्था ने रेड जोन घोषित कर रखा है।
2025 से पूरे देश में आसानी से मिलेगा E20 Petrol
ई20 पेट्रोल (e20 petrol) की खुदरा बिक्री करने वाली खुदरा दुकानों की संख्या अब देश में 9300 से अधिक है और 2025 तक यह पूरे देश को कवर कर लेगी। वर्ष 2025 से पूरे देश में यह आसानी से मिलने लगेगा।
8 फरवरी 2023 को केंद्र सरकार ने यूपी, बिहार समेत 11 राज्यों के 15 शहरों में 84 पेट्रोल पंप से ई-20 पेट्रोल की बिक्री की शुरूआत की थी, अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने बेंगलुरु से हरी झंडी दिखाते हुए इसकी शुरुआत की थी।
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509 करोड़ लीटर हुई पेट्रोल की बचत
सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) ने एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2022-23 के दौरान एथेनॉल मिश्रण (e20 petrol) के परिणामस्वरूप करीब 509 करोड़ लीटर पेट्रोल की बचत की है। जिसके परिणामस्वरूप 24,300 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा (foreign currency) का लाभ हुआ है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस (ministry of petroleum and natural gas) मंत्री हरदीप सिंह पुरी (minister hardeep singh puri) ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि इससे किसानों को करीब 19,300 करोड़ रुपये का शीघ्र भुगतान संभव हो सका है।
क्या होता है E20 Petrol
पेट्रोल में जब इथेनॉल को मिलाया जाता है तो उसे इथेनॉल पेट्रोल कहते हैं। ई-20 मतलब है कि वह फ्यूल जिसमें 80 फीसदी पेट्रोल और 20 फीसदी इथेनॉल मिलाया जाए।
भारत में पहले ई-10 फ्यूल का उपयोग किया जाता था, जिसमें 90 फीसदी पेट्रोल और 10 फीसदी इथेनॉल मिला होता था। सरकार ने 2018 में तय किया कि ई-10 के बदले अब ई-20 फ्यूल उपयोग किया जाएगा और इसे पूरे देश में बेचने की प्लानिंग पर काम शुरू हुआ।
किन व्हीकल में यूज किया जा सकता है E20 Petrol
भारत में ज्यादातर गाड़ियों के इंजन BS-4 से BS-6 स्टेज तक के हैं। इनमें इसका उपयोग हो सकता है। पुरानी गाड़ियों में e20 petrol का इस्तेमाल कर सकते हैं, लेकिन कम माइलेज और कम पावर की आशंका रहेगी।
अप्रैल 2023 के बाद से आने वाले करीब सभी व्हीकल्स के इंजन e20 petrol के लिए फेवरेबल हैं। इससे फेवरेबल इंजन वाले व्हीकल का माइलेज बेहतर होता है और पेट्रोल पर पैसे भी बचेंगे।
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