जबलपुर। MP News: प्रदेश के बहुचर्चित नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े को लेकर दायर याचिकाओं पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। सीबीआई ने 200 से अधिक कॉलेजों जी जांच रिपोर्ट सील बंद लिफाफे में पेश की।
सीबीआई को मिली 15 दिन की मोहलत
सीबीआई ने कोर्ट को बताया कि मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध लगभग 50 नर्सिंग कॉलेजों की जांच होना शेष है। कोर्ट ने सीबीआई को 15 दिन में जांच पूरी करने के निर्देश दिए।
अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद
अगली सुनवाई 2 सप्ताह बाद होगी। कॉलेजों की अधोसंरचना के साथ सीबीआई माइग्रेटेड और डुप्लिकेट फैकल्टी के मुद्दे की भी जांच कर रही है।
इंदौर और ग्वालियर बेंच से से स्थानांतरित होकर आईं याचिकाओं पर अब मुख्यपीठ जबलपुर में सुनवाई हो रही है। बता दें कि लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन की ओर से पिछले साल यह मामला दायर किया गया था।
नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता को दी थी चुनौती
जिसमें प्रदेश में फर्जी तरीके से नर्सिंग कॉलेजों के संचालन को चुनौती दी गई है। याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 में प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में कई ऐसे नर्सिंग कॉलेज को मान्यता दी गई वास्तविकता में यह कॉलेज सिर्फ कागजों में संचालित हो रहे थे। अधिकांश कॉलेजों की निर्धारित स्थल में बिल्डिंग तक नहीं थी।
चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे कॉलेज
कुछ कॉलेज सिर्फ चार-पांच कमरों में संचालित हो रहे है। ऐसे कॉलेज में प्रयोगशाला सहित अन्य आवश्यक संरचना नहीं है। बिना छात्रावास ही कॉलेज का संचालन किया जा रहा है। इसके अलावा एक ही फैकल्टी को कई कॉलेजों में दर्शाया गया है। इस पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई कर रही है।
सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम कर रही जांच
मध्य प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों के घोटालों की हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम इसकी जांच कर रही है। प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों की शुरू हुई जांच को लेकर सीबीआई सूत्रों के हवाले से पता चला कि ये घोटाले इतने बड़े हैं कि इनकी जांच में काफी वक्त लग सकता है। इसलिए हाईकोर्ट ने सीबीआई को 15 दिनों का और समय दिया है ताकि जांच पूरी हो सके।
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