Bharat Rice: अगले साल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) है और इसी कड़ी में अब मोदी सरकार लगातार फैसले ले रही है। अब नए साल पर आम आदमी को सस्ती दर में चावल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
सरकार का कहना है कि आम आदमी को महंगाई से राहत देने के लिए ये फैसला लिया जा सकता है। केवल 25 रुपये किलो भाव पर चावल उपलब्ध कराएगी। इससे पहले इसी तर्ज पर केंद्र सरकार आटा और चना देशभर में जनता को उपलब्ध करा रही है। भारत राइस (Bharat Rice) के नाम से चावल उपलब्ध करा सकती है।
14 फीसदी महंगा हुआ चावल
उपभोक्ता मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत राइस बेचने की जरूरत चावल की बढ़ती कीमतों को थामने के लिए पड़ी है। मंत्रालय का कहना है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल चावल की महंगाई 14.1 फीसदी बढ़ गई है और इसकी कीमत 43.3 रुपये प्रति किलोग्राम पहुंच गई है।
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अधिकारी का कहना है कि हमारी कोशिश हमेशा पहले कीमतों को और फिर महंगाई को थामने की रही है।
और क्या-क्या सस्ता बेच रही सरकार
वर्तमान में केंद्र सरकार आटा और चना दाल को भी सस्ती दरों पर बेच रही है। सरकारी एजेंसियों के आउटलेट पर भारत आटा 27. 50 रुपये प्रति किलो तो भारत दाल 60 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से बेची जा रही है।
इसके लिए देशभर में 2,000 रिटेल प्वाइंट बनाए गए हैं। इसी तर्ज पर भारत राइस को भी बेचा जाएगा।
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महंगाई कैसे बढ़ती-घटती है?
महंगाई का बढ़ना और घटना प्रोडक्ट की डिमांड और सप्लाई पर निर्भर करता है। अगर लोगों के पास पैसे ज्यादा होंगे तो वह ज्यादा चीजें खरीदेंगे। ज्यादा चीजें खरीदने से चीजों की डिमांड बढ़ेगी और डिमांड के मुताबिक सप्लाई नहीं होने पर इन चीजों की कीमत बढ़ेगी।
इस तरह बाजार महंगाई की चपेट में आ जाता है। सीधे शब्दों में कहें तो बाजार में पैसों का अत्यधिक बहाव या चीजों की शॉर्टेज महंगाई का कारण बनता है। वहीं अगर डिमांड कम होगी और सप्लाई ज्यादा तो महंगाई कम होगी।
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