वाशिंगटन। टेलीफोन प्रोवाइडर और बीमा कंपनियों से धोखाधड़ी करने के मामले में एक भारतीय नागरिक को दोषी ठहराया गया। भारतीय नागरिक पर सेलुलर प्रतिस्थापन उपकरण प्राप्त करने के लिए फर्जी दावे प्रस्तुत करने और नकली पहचान का उपयोग कर उपकरणों को अमेरिका से बाहर बेचने का आरोप था।
अगले वर्ष 3 जनवरी को होगी सजा
अमेरिकी वकील फिलिप आर सेलिंगर ने बताया कि नेवार्क के 42 वर्षीय पराग भावसार ने अमेरिकी जिला न्यायाधीश मैडलिन कॉक्स अर्लेओ के समक्ष अपना गुनाह स्वीकार कर लिया। उसे सजा सुनाने के लिए अगले वर्ष तीन जनवरी की तारीख तय की गई है।
दस्तावेजों के मुताबिक, जून 2013 से जून 2019 तक भावसार अमेरिकी डाक सेवा मेल प्रणाली के साथ अन्य तृतीय पक्ष मेल वाहक का उपयोग करके सेलुलर टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को धोखा देने की एक व्यापक योजना में शामिल था।
फर्जी पहचान का किया उपयोग
बताया जा रहा है कि भावसार और इस साजिश में शामिल अन्य आरोपियों ने प्रतिस्थापन उपकरण प्राप्त करने को लेकर खोए हुए, चोरी हुए और क्षतिग्रस्त टेलीफोन व अन्य उपकरणों पर झूठा दावा करने के लिए फर्जी पहचान का उपयोग किया।
अमेरिका से बाहर बेच दिए उपकरण
मामले के अनुसार, भावसार और साथियों ने न्यू जर्सी सहित पूरे अमेरिका में मेलबॉक्स और भंडारण इकाइयों का एक नेटवर्क बना रखा था। भंडारण इकाइयों में प्रतिस्थापन उपकरण भेजे जाते और वहां से अमेरिका के बाहर बेच दिए जाते।
कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकासान
संघीय अभियोजकों ने कहा कि भावसार और उसके साथियों की योजना के परिणामस्वरूप सेलुलर टेलीफोन प्रदाताओं और बीमा कंपनियों को लाखों डॉलर का नुकसान हुआ। इन आरोपों में अधिकतम 20 साल की कैद और 2.5 लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना हो सकता है।
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