Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य कहते हैं घर का सकारात्मक वातावरण और माहौल व्यक्ति के विकास और सफलता में बहुत बड़ी भूमिका निभाता है।
अपने नीति शास्त्र में उन्होंने बताया है कि जीवन में वही व्यक्ति सफल होता है, जिसके घर का माहौल उत्तम होता है। ऐसे घर में लक्ष्मी हमेशा अपनी कृपा बनाई रखती है। कभी ऐसे घर का त्याग नहीं करती हैं।
आइए जानते हैं कैसे घरों में लक्ष्मी नहीं टिकती है-
ऐसे घरों में नहीं टिकती लक्ष्मी
चाणक्य के अनुसार यदि घर का वातावरण, माहौल नकारात्मक हो यानि आए दिन कलह होता रहे तो ऐसे घर में सदैव तनाव, विवाद और क्लेश की स्थिति बनी रहती है।
ऐसी जगह पर लक्ष्मी कभी नहीं टिकती है। जिस कारण से पूरे परिवार की तरक्की रूक जाती है। लोगों का आत्मविश्वास नष्ट हो जाता है। प्रतिदिन कोई न कोई परेशानी, बाधा, समस्या और संकट बना ही रहता है।
जहां सम्म्मान न हो
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि एक-दूसरे का हमेशा आदर करना चाहिए फिर कहे वो छोटे हो या बड़े तभी घर का माहौल अच्छा होता है। सभी सदस्य एक दूसरे के मान-सम्मान का ध्यान रखते हैं तो ऐसा करने से घर का वातावरण अच्छा रहता है।
नकारत्मक विचार नहीं आते हैं जिससे सभी सदस्यों की मानसिक स्थिति का पूर्ण विकास होता है। किसी भी प्रगति के लिए मानसिक स्थिति का बेहतर होना बहुत ही जरूरी होता है।
जहां प्रतिस्पर्धा का माहौल रहे
चाणक्य कहते हैं कि कभी भी घर में परिवार के सदस्यों के साथ प्रतिस्पर्धा का माहौल न बनाएं। इससे घर की सुख शांति गायब हो जाती है। क्योंकि घर के सदस्य आपस में प्रतिस्पर्धा करने लगते हैं।
आपस में प्रतिस्पर्धा करने की प्रवृत्ति विनाश की तरफ ले जाती है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि परिवार के लोगों कभी मुठभेड़ हो भी जाए तो नज़रअंदाज कर आगे बढ़ जाना चाहिए। अगर छोटी-छोटी बातों पर ध्यान देने लगे तो परिवार बिखर सकता है।
यहीं से घर के सदस्यों में आपसी तालमेल की कमी आती है। एक दूसरे के प्रति सम्मान में कमी आती है।
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