नई दिल्ली। August Panchak 2023: 2 अगस्त से शुरू हुए पंचकों की समाप्ति 6 अगस्त यानि रविवार को हो रही है। यदि आप भी अभी तक पंचकों के कारण शुभ काम कारने के लिए रुके थे। तो आपको बता दें आप अब इसकी शुरूआत कर सकते हैं। तो चलिए जानतें हैं पंडित राम गोविंद से कि रविवार को पंचक कब उतर रहे हैं।
ज्योतिष में पंचक वह गोचर काल कहलाता है जब कोई भी शुभ काम नहीं किया जाता। ऐसे में यदि आप भी इस महीने में कोई शुभ काम करने वाले हैं तो आपको बता दें कि 2 अगस्त से शुरू हुए पंचक (August Panchak 2023 Date) कल यानि रविवार को रात 1:42 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं। इसके बाद आप सभी शुभ काम कर पाएंगे। हम आपको बताएंगे कि पंचकों के समाप्त होने पर अब आप क्या-क्या काम कर सकते हैं।
अब कर पाएंगे ये काम (Panchak me Kya Karen)
जिस पंचक के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने की मनाही होती है। लेकिन पंचक समाप्त होने पर लकड़ी घर में लाना या फिर उससे बने सामान खरीदने का काम किया जा सकता है। चारपाई बुनना, घर की छत ढलवाना, दक्षिण दिशा की यात्रा करना और घर को पेंट आदि करवाने का सोच रहे है तो अब ये करवा सकते हैं।
पंचक से जुड़े जरूरी नियम (Panchak Rules)
पंचक के समय लकड़ी या फिर लकड़ी से बने सामान को खरीदना या घर पर बनवाना नहीं चाहिए।
पंचक में चारपाई बुनवाने और घर की छत ढलवाने की भी विशेष रूप से मनाही है।
पंचक के दौरान यदि बहुत जरूरी न हो तो दक्षिण दिशा की यात्रा भूलकर नहीं करवाना चाहिए। दरअसल, दक्षिण को यम की दिशा माना गया है।
इसी प्रकार पंचक के समय घर की पेंटिंग का कार्य नहीं शुरु करना चाहिए।यदि ये कार्य करवाने हों तो आप पंचांग की मदद से पंचक की जानकारी लेकर आगे–पीछे करवा सकते हैं।
पंचक के दौरान किसी परिजन की मृत्यु हो जाए तो उसका अंतिम संस्कार खास विधि से करना चाहिए। उसके साथ 4 मोतिचूर के लड्डू या नारियल रख देना चाहिए। इससे परिवार का संकट टल जाता है।
आखिर क्या होते हैं पंचक (What is Panchak)
ज्योतिष में कुछ नक्षत्रों को अत्यंत अशुभ मानते हुए उसमें कोई भी शुभ कार्य की शुरुआत नहीं की जाती है। ज्योतिष के अनुसार धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद एवं रेवती समेत पांच नक्षत्रों की युति अत्यंत ही अशुभ मानी जाती है।
ज्योतिष के अनुसार कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा को गोचर पंचक कहलाता है। ऐसा माना जाता है कि पंचकों में घर के किसी सदस्य की मृत्यु होने पर परिवार को भी मृत्यु तुल्य कष्ट को भोगना पड़ता है।
रावण की मृत्यु भी पंचक काल में हुई थी। मान्यता है कि यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु पंचक में हो जाए तो उसके खानदान के 5 सदस्यों की या तो मृत्यु हो जाती है या उन्हें मृत्यु जैसा कष्ट भुगतना पड़ता है। ज्योतिष पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार पंचक के दौरान कुछ विशेष कार्य भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
कितने प्रकार का होता है पंचक (Type of Panchak)
पंचांग के अनुसार यदि पंचक रविवार को पड़े तो रोग पंचक और सोमवार को पड़े तो राज पंचक कहलाता है। इसी प्रकार यदि पंचक मंगलवार को पड़े तो अग्नि पंचक और शुक्रवार को पड़े तो चोर पंचक कहलाता है। जबकि शनिवार के दिन पड़े वाले पंकच को मृत्यु पंचक कहा जाता है। इसके अलावा बुधवार और गुरुवार को सोमवार और मंगलवार के पंचक को माना जा सकता है।
यह भी पढ़ें:
Toilet Vastu Tips: वास्तु के अनुसार टॉयलेट सीट पर बैठने के बाद किस दिशा में होना चाहिए आपका फेस
Vastu Tips For Tulsi : दक्षिण दिशा में क्यों नहीं रखना चाहिए तुलसी का पौधा, क्या कहता है वास्तु
Vastu Tips For Tulsi : सावन में तुलसी के साथ जरूर लगाएं ये पौधे, होगी पैसे की बारिश
Lucky Plants: ये पांच पौधे लाएंगे गुड लक, बरसेगी मां लक्ष्मी की कृपा
Astrology Form Grah Dosh :ग्रह दोषों से हैं पीड़ित, रत्न की जगह धारण करें इन पेड़ों की जड़ें
5 august panchak End 2023, August Panchak 2023, astrology, jyotish, bansal news, august me panchak kab se hain, राज पंचक, पंचक में क्या नहीं करना चाहिए, पंचक क्या कहलाते हैं, अगस्त में पंचक कब से हैं