कोरिया जिले में रोजगार मूलक कार्यों में मनरेगा के तहत महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ीं है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत अधिक से अधिक संख्या में महिलाएं अपने ग्रामीण क्षेत्र में महिला मेट व महिला मजदूरी में कार्यरत हैं।
इलाके में रुका पयालन
महिलाओं की बढ़ी इस भागीदारी से रोजगार तो उपलब्ध हो ही रहा है । साथ ही महिलाएं अपने ही गांव में रहकर परिवार का भरण पोषण व देखभाल कर पा रही हैं। जिससे इलाके में मजदुरी के लिए बाहर जाने का सिलसिला थमा है। वहीं इलाके में पलायन भी रुका है।
आपको बता दें अपने ही गांव के क्षेत्र में मजदूरी मिलने से महिलाओं में खुशी है। उनका जॉब कार्ड बना हुआ है। बकायदा मजदूरी स्थल पर मेडिकल किट सहित मिलने वाली तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध है।
मनरेगा में दो लाख से अधिक श्रमिक पंजीकृत
जिला पंचायत के पांचों विकासखंड के अंतर्गत मनरेगा के तहत 2 लाख 23 हजार कार्डधारी श्रमिक पंजीकृत हैं । 1 हजार 718 कार्यस्थल पर कार्य चल रहा है । 1200 से अधिक महिला मेट काम कर रही हैं। महिला मेट की संख्या बढ़ने से महिला श्रमिकों की भी तादाद भी बढ़ीं है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था हो रही मजबूत
महिलाएं कार्यस्थल पर पहले की अपेक्षा और अधिक सहजता से कार्य कर पा रही हैं। वर्तमान में 50 प्रतिशत से ज्यादा महिलाओं श्रमिकों की हिस्सेदारी हो चुकी हैं । महिलाओं को ही मेट के तौर पर कार्यस्थलों का प्रबंधन देने से सकारात्मक परिणाम दिख रहे हैं। मनरेगा योजना से ग्रामीण अर्थव्यवस्था बदल रही ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हो रही है।