RBI: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में 2000 रुपये के नोट को वापस लेने का फैसला किया था। हालांकि, रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट को लीगल टेंडर जारी रखते हुए सभी लोगों से 31 सितंबर से पहले अपने निकटतम बैंकों में नोट बदलने और जमा करने के लिए मौका दिया है। इसके लिए बैंक में कोई भी फॉर्म भरने और दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है।
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2000 रुपये के नोटों को वापस लेने के फैसले के बाद कई लोग अनुमान लगा रहे हैं कि आरबीआई नए नोट लाने के लिए 500 रुपये के नोटों को भी वापस ले लेगा। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि जिन 1000 के नोटों को 2016 के नोटबंदी में बंद कर दिया गया था, उसे एक बार फिर चलन में लाया जाएगा।
500 रुपये के नोटों को वापस लेने और 1000 रुपये के नोटों को फिर से चलन में लाने को लेकर उड़ रही अफवाहों आरबीआई ने दूर करने का फैसला किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसको लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बयान जारी किया।
500 रुपये के नोटों को वापस लेने का इरादा नहीं
500 रुपये के नोटों को वापस लेने की सभी अफवाहों को खारिज करते हुए, आरबीआई प्रमुख शक्तिकांत दास ने कहा, “आरबीआई 500 रुपये के नोटों को वापस लेने या 1,000 रुपये के नोटों को फिर से पेश करने के बारे में नहीं सोच रहा है; जनता से अनुरोध है कि अटकलें न लगाएं। ” इसके अलावा आरबीआई प्रमुख ने यह भी बताया कि कैसे लोग अब 2000 रुपये के नोटों को तेजी से वापस कर रहे हैं जो चलन में थे। गौरतलब है कि 2000 रुपये के नोटों की छपाई 2018 में बंद कर दी गई थी।
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आरबीआई प्रमुख शक्तिकांत दास ने कहा, ‘कुल 3.62 लाख करोड़ रुपए के 2,000 रुपये के नोट चलन में थे। इस घोषणा के बाद करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस आ गए हैं। यह 2,000 रुपये के नोटों का लगभग 50 प्रतिशत है, जो चलन में थे।’