Aaj Ka Mudda: छत्तीसगढ़ में जनगणना पर सियासत गरमाने लगी है। देश में साल 2011 के बाद से जनगणना नहीं हुई। लिहाजा केंद्र सरकार डिजिटल सर्वे की बात कर रही है तो वहीं कांग्रेस आर्थिक और सामाजिक जनगणना की मांग कर रही है। क्या है इसको लेकर सियासत और इस सियासत के क्या हैं मायने?
सीएम भूपेश बघेल ने उठाए डिजीटल जनगणना पर सवाल
छत्तीसगढ़ की सियासत में जनगणना का जिन्न निकल आया है। लंबे समय से सर्वे को लेकर देशभर में चल रही सियासत को बोलबाला अब प्रदेश में भी दिख रहा है। सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र की डिजीटल जनगणना पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने प्रदेश में हुई आर्थिक जनगणना का हवाला देते हुए जातीय जनगणना वाली मांग पर भी सहमति जताई।
भूपेश सरकार ने कराई आर्थिक जनगणना
दरअसल, देश में साल 2011 के बाद से जनगणना नहीं हुई और इस बार घर-घर जाने के बजाय केंद्र सरकार डिजीटल सर्वे की शुरुआत करने जा रही है जिसमें पूरी डिटेल ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज करनी होगी तो वहीं भूपेश सरकार ने आर्थिक जनगणना कराई जो पूरी भी हो चुकी है। इसके बाद जरुरतों से वंचित लोगों को सरकार सुविधाएं मुहैया कराएगी। अब इस मामले पर बीजेपी भी पलटवार करती नजर आ रही है और कांग्रेस पर सर्वे रोकने के आरोप लगा रही है।
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चुनावी साल में डिजीटल सर्वे बनाम आर्थिक सामाजिक सर्वेक्षण का मामला सियासत में अभी और गरमाएगा लेकिन सवाल यही है कि जनता को इसका लाभ, कब और कैसे मिलेगा।