Balashore train accident: उड़ीसा के बालासोर में भयानक ट्रेन हादसे ने 280 से ज्यादा लोगों की जान चली गई तो वहीं 1000 से ज्यादा घायलों का इलाज जारी है। राहत बचाव कार्यों का जायजा लेने के लिए दुर्घटना स्थल पर पीएम मोदी के साथ रेल मंत्री लगातार नजर बनाए हुए है। इसी बीच ट्रेन हादसे की असल वजह सामने आ चुकी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को कहा कि ट्रिपल ट्रेन दुर्घटना का कारण इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम में गड़बड़ी थी।
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मंत्री ने आगे कहा कि ट्रेन दुर्घटना की जांच पूरी हो चुकी है और रेल सुरक्षा कमिश्नर जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपेंगे। लेकिन क्या आप जानते है कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम क्या है, जिसकी वजह से सदी का सबसे बड़े ट्रेन हादसा हो गया है। आईए जानते है।
#WATCH | The commissioner of railway safety has investigated the matter and let the investigation report come but we have identified the cause of the incident and the people responsible for it… It happened due to a change in electronic interlocking. Right now our focus is on… pic.twitter.com/UaOVXTeOKZ
— ANI (@ANI) June 4, 2023
क्या है इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग ?
बता दें कि इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग, रेलवे सिग्निलिंग का एक सबसे जरुरी हिस्सा है। इसकी मदद से पटरी पर गाड़ियों की आवाजाही को नियंत्रित किया जाता है ताकि ट्रेन का सुरक्षित रास्ता तैयार हो सके। जहां पहले अन-इंटरलॉक्ड सिग्नलिंग सिस्टम, मैकेनिकल और इलेक्ट्रो-मैकेनिकल इंटरलॉकिंग काम करते थे, जिसकी जगह अब मॉडर्न सिग्ननल ने ले लिया है।
यह एक इंजिनियरिंग सिस्टम है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक और कंप्यूटर नेटवर्क की मदद से ट्रेनों के बीच ट्रांजिशन को कंट्रोल किया जाता है। आमतौर पर जब भी यह सिस्टम खराब हो जाता है तो सिग्ननल लाल हो जाता है। सिग्नल में खराबी कंस्ट्रक्शन के कारण तार टूटना या फिर ह्ययूमन एरर के कारण हो सकता है।
किसी व्यक्ति की गडबड़ी के बिना नहीं हो सकता
रेलवे में सिग्नलिंग एक्सपर्ट के मुताबिक, ‘सेट शर्तों को पूरा करना होगा। इस मामले में, प्वॉइंट को नॉर्मल लाइन पर सेट किया जाना चाहिए था न कि लूप लाइन पर। प्वॉइंट को लूप लाइन पर सेट किया गया था। यह कुछ ऐसा है जो किसी व्यक्ति की गडबड़ी के बिना नहीं हो सकता है।’
सूत्रों ने इंडिया टुडे के हवाले से बताया, “उसी एरिया में लेवल क्रॉसिंग गेट को लेकर कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा था। यदि किसी केबल की आपूर्ति में खराबी थी, तो उसे चेक करने की जरूरत है। अगर प्वाइंट उल्टी दिशा में था तो कहां होना चाहिए था, इसकी जांच होनी चाहिए। “
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ओडिशा के बालासोर जिले में शुक्रवार को तीन ट्रेनें एक के बाद आपस में टकरा गईं, जिससे कम से कम 275 लोगों की मौत हो गई और 1,100 से अधिक लोग घायल हो गए। दो यात्री ट्रेनें – बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस और शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस – और एक मालगाड़ी एक दुर्घटना में शामिल थी जो एक पटरी से उतर गई थी।