ग्वालियर। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन एवं इस्पात मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि “ग्वालियर के कालीन उद्योग को पुनर्स्थापित करने के ध्येय से मुख्यमंत्री शिवराज और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के सहयोग से प्रयास किया जा रहा है। पूरे इकोसिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है ताकि कालीन उद्योग से जुड़े लोग बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें।”
अन्नदाताओं के चेहरों पर साफ़ दिख रही थी…
मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि किसानों की आंखों में चमक, देश के चमकते भविष्य का दर्पण है। देवगढ़-बिलौआ पंप हाउस के उद्घाटन पर जनसभा में शामिल हुआ और वहां उपस्थित अपने किसान भाई-बहनों को सम्बोधित किया। माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना से होने वाले लाभ की ख़ुशी, अन्नदाताओं के चेहरों पर साफ़ दिख रही थी।.
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"ग्वालियर के कालीन उद्योग को पुनर्स्थापित करने के ध्येय से मुख्यमंत्री श्री @ChouhanShivraj जी और श्री @nstomar जी के सहयोग से प्रयास किया जा रहा है। पूरे इकोसिस्टम को दुरुस्त किया जा रहा है ताकि कालीन उद्योग से जुड़े लोग बेहतर जीवन व्यतीत कर सकें।"
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सुशासन में शुरू की गई
सिंधिया ने कहा प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री शिवराज के सुशासन में शुरू की गई यह अतिआधुनिक योजना, भाजपा सरकार के ‘समृद्ध किसान, समृद्ध भारत’ संकल्प का एक सुंदर और सफल प्रतीक है ।
मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी
डबरा क्षेत्र में रु 2244.97 करोड़ की मां रतनगढ़ सिंचाई परियोजना के अंतर्गत देवगढ़-बिलौआ पंप हाउस के भूमि पूजन किया। नवीनीकरण और मनोविज्ञान पर आधारित यह योजना क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही अन्नदाताओं की सिंचाई की मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। इस कल्याणकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री का धन्यवाद ।
किसानों की आँख में चमक, देश के चमकते भविष्य का दर्पण है। आज, देवगढ़-बिलौआ पंप हाउस के उद्घाटन पर जनसभा में शामिल हुआ और वहां उपस्थित अपने किसान भाई-बहनों को सम्बोधित किया।
माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना से होने वाले लाभ की ख़ुशी, अन्नदाताओं के चेहरों पर साफ़ दिख रही थी।
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जीवन में खुशहाली के नए-नए आयाम जुड़ेंगे
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि भारत की अत्याधुनिक तकनीक एवं वैज्ञानिक कौशल का इस्तेमाल कर “माँ रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना” को मूर्तरूप दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा ग्वालियर एवं चंबल संभाग को सिंचाई परियोजना के रूप में दी गई इस क्रांतिकारी सौगात से किसानों के जीवन में खुशहाली के नए-नए आयाम जुड़ेंगे।
पम्प हाउस निर्माण कार्य का शुभारंभ किया
सिंधिया मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना के तहत देवगढ़ – बिलौआ नहर प्रणालीके पम्प हाउस – 1 के निर्माण कार्य के भूमि-पूजन समारोह को संबोधित कर रहे थे। सिंधिया ने लगभग 272 करोड़ रूपए लागत की देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली के तहत डबरा विकासखंड के ग्राम बरकरी के समीप बनने जा रहे पम्प हाउस निर्माण कार्य का शुभारंभ किया।
2245 करोड़ रूपए की लागत से मंजूर
सिंधिया ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 2245 करोड़ रूपए की लागत से मंजूर की गई मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना से ग्वालियर, भिण्ड एवं दतिया जिले के 215 ग्रामों में 80 हजार हेक्टेयर से अधिक रकबे की सिंचाई होगी।
19 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी
परियोजना के हिस्से के रूप में 272 करोड़ रूपए लागत से मूर्तरूप लेने जा रही देवगढ़-बिलौआ प्रणाली से डबरा विधानसभा क्षेत्र के 36 ग्रामों की लगभग 19 हजार हेक्टेयर जमीन की सिंचाई होगी।
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आज, डबरा क्षेत्र में रु 2244.97 करोड़ की माँ रतनगढ़ सिंचाई परियोजना के अंतर्गत देवगढ़-बिलौआ पंप हाउस के भूमि पूजन में सम्मिलित हुआ।
नवीनीकरण और मनोविज्ञान पर आधारित यह योजना क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही अन्नदाताओं की सिंचाई की मांग को पूरा करने में अहम भूमिका निभाएगी। pic.twitter.com/TY1uP9zLnj
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परियोजना पूरी तरह कम्प्यूटराईज्ड होगी
सिंधिया ने कहा कि यह अत्याधुनिक सिंचाई परियोजना पूरी तरह कम्प्यूटराईज्ड होगी। भूमिगत पाइप लाइन से उच्चदाब से सूक्ष्म सिंचाई पद्धति से पानी किसानों के खोतों तक पहुंचेगा।
खाद भी फसलों को दिया जा सकेगा।
पम्प कम्प्यूटरीकृत पद्धति से संचालित होंगे और मोबाइल फोन से भी चालू एवं बंद किए जा सकेंगे। सिंचाई के साथ पाइप लाइन एवं स्प्रिंकलर के जरिए कीटनाशक और खाद भी फसलों को दिया जा सकेगा।
सुविधाओं का जाल बिछाया गया था
सिंधिया ने कहा कि सिंधिया रियासत काल में बड़े माधौ महाराज द्वारा एशिया के सबसे बड़े मिट्टी के बाँध हरसी सहित तिघरा एवं पगारा जैसे बड़े बाँध तथा ग्वालियर – चंबल संभाग में छोटे-बड़े लगभग 790 जलाशयों का निर्माण करा कर सिंचाई सुविधाओं का जाल बिछाया गया था।
निर्यात करने वाला देश बन गया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत का मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा बढ़ाने के साथ-साथ अन्नदाता किसानों के जीवन में खुशहाली लाने के लिये किसान सम्मान निधि जैसी क्रांतिकारी योजनायें लागू की हैं। किसान हितैषी योजनाओं और अन्नदाता किसानों की मेहनत की बदौलत भारत अब अन्न का आयात नहीं अपितु निर्यात करने वाला देश बन गया है।
नवम्बर माह तक बनकर तैयार हो जायेगी
जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा कि देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली नवम्बर 2023 तक बनकर तैयार हो जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में वर्ष 2003 में मात्र 6 से 7 लाख हेक्टेयर रकबे में सिंचाई होती थी। प्रदेश सरकार ने सिंचाई योजनायें शुरू कर सिंचाई का रकबा 45 लाख हेक्टेयर तक बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 तक सिंचाई रकबे को बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य सरकार ने निर्धारित किया है।
प्रगति के नए द्वार खुलेंगे…
उद्यानिकी एवं खाद्य प्र-संस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना से जुड़ी देवगढ़-बिलौआ नहर प्रणाली के निर्माण से इस क्षेत्र में पैदावार के साथ-साथ जमीन की कीमत भी बढ़ेगी। इससे किसानों की तरक्की और प्रगति के नए द्वार खुलेंगे।
डबरा को जिला बनाने की मांग रखी…
सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि मां रतनगढ़ बहुउद्देश्यीय सिंचाई परियोजना आधुनिक तकनीक से धरातल पर लाई जा रही है। इससे कम पानी में अधिक रकबे की सिंचाई हो सकेगी। लघु उद्योग निगम की अध्यक्ष इमरती देवी ने डबरा क्षेत्र को बड़ी सिंचाई परियोजना की सौगात दिलाने के लिये मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति आभार जताया। साथ ही क्षेत्रीय निवासियों की ओर से डबरा (Dabra a district)को जिला बनाने की मांग रखी।