अम्बिकापुर। Farming कोरोना के बाद ईंट का व्यापार करने वाले एक व्यक्ति ने खेती करनी शुरू की तो उसकी किस्मत ही बदल गई। लाकडाउन लगने के बाद खली समय में यू-ट्यूब पर खेती सीखी और कुछ किसानों की जमीन लीज पर लेकर मोटा मुनाफा कमाया। यह सच्ची कहानी से छत्तीसगढ़ के अम्बिकापुर के बाबूलाल यादव की। कोरोना काल के पहले तक ईंट बनाकर बेचने का काम करने वाले बाबूलाल अब किसान बन चुके हैं। उनकी मेहनत और लगन से किसानी में मिलने वाले फायदे को देखते हुए अन्य युवाओं ने भी खेती मन लगाकर करना शुरू कर दिया है।
30 एकड़ जमीन लीज पर ली
रामनगर गांव के निवासी बाबूलाल यादव के मुताबिक साल 2022 में उन्होंने खेती करना शुरू किया। इससे पहले उन्हें खेती-किसानी के बारे में अधिक जानकारी नहीं थी। इसके लिए उन्होंने यू-ट्यूब का सहारा लिया और खेती करना सीखा। कुछ किसानों से उन्होंने करीब 30 एकड़ जमीन लीज पर ली और 40 से 45 लाख रुपए की लगात लगाकर खेती करना शुरू कर दिया। बाबूलाल के मुताबिक वे खेती करने के लिए आधुनिक तरीके अपना रहे हैं, जिसके लिए पहले उन्हें लागत लगानी पड़ी। बांस और ड्रिप जैसी खेती में उपयोग होने वाली चीजों को उन्होंने खरीदा और फसल लगाई। अब वे 1.50 लाख रुपए हर महीना खेती करके कमा रहे हैं।
ड्रिप सिस्टम से फायदा
बाबूलाल के मुताबिक खेत में बड़ी मात्रा में फसले लगाने के लिए मजदूरों की जरूरत भी पड़ती है। उनके द्वारा बड़े स्तर पर खेती किए जाने से आसपास के कुछ मजदूरों के लिए भी रोजगार मिला है। ईंट के व्यापार में कुछ खास फायदा न होने के बाद उन्होंने खेती करने का फैसला लिया था। इस साल खीरा, लौकी, तरबूज और बैगन की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें मिलने वाला फायदा और अधिक बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने कहा कि ड्रिप सिस्टम और खेत में बनाए गए तालाब से उन्हें खेती करने में बहुत सहायता मिलती है।