नई दिल्ली। Silk कपड़ों में सिल्क के नाम से कौन परिचित नहीं। यदि व्यक्ति Silk cloth making आर्थिक रूप से समृद्ध है तो सिल्क पहनना केवल उसी के बस की बात है। पर आपने कभी सोचा है कि सिल्क इतना महंगा क्यो होता है। यदि नहीं तो आपको बता दें इसके बनने की प्रक्रिया इतनी जटिल होती है कि इसका बनाना बेहद कठिन होती है। इसलिए ये इतना महंगा होता है। दरअलस सिल्क एक कीड़े से बनाया जाता है जिसमें इसके लार्वा से धागा बनाया जाता है। इसकी पूरी प्रोसेस क्या होती है चलिए जानते हैं।
जानते हैं इसकी स्टेप बाई स्टेप क्या है – how to make silk thread
- आपको बता दें रेशम के धागे को रेशम के कीड़े से बनाया जाता हैं दरअसल रेशम का कीड़ा के लारवा से ये पूरा रेशम तैयार होता है। सोशल मीडिया पर रेशम से रेशम का धागा बनाते हुए एक वीडियो वायरल हो रहा है। जिसमें बताया गया है कि पहले रेशम के कीड़ों के लारवा को एक गोलाकार बांस की थाली नुमा टोकरी में हरी पत्तियां बिछाकर रख दिया जाता है। इस थाली में बिछी पत्तियों को ये लारवा खाकर बड़े हो जाते हैं।
- दूसरे स्टेप में इन कीड़ों को एक चोकोर आकार के बांस के सांचे नुमा ट्रे में रखा जाता है। जिसमें गोलाकार सांचे बने होते हैं। इन सांचों में रेशम के कीड़ों को डाल दिया जाता है। इसके बाद इन सांचों में इन्हें कुछ दिन के लिए रख दिया जाता है। इस सांचे में रेशम के कीड़े अपने मुंह से लिक्विड के रूप में लार जैसा पदार्थ निकालने हैं। जो एक तरह का प्रोटीन होता है। ये प्रोटीन हवा के संपर्क में आने पर एक जाली नुमा पदार्थ बन जाता है।
- इसके बाद इन कीड़ों को एक बर्तन में डालकर गर्म किया जाता है। एक कैप्सूल की तरह दिखाई देता है। जिसे यहां से निकाल कर गरम या उबलते हुए पानी में डाल दिया जाता है। गरम पानी में जाते ही रेशम के कीड़े मर जाते हैं। इसी बर्तन के सामने एक हैण्डलूम लगाया जाता है। जिसमें इस लार से बना प्रोटीन इस लूम पर लपिटता जाता है। जिसके बाद ये धागा तैयार होता है। इस पूरी प्रक्रिया को करने में काफी समय और मेहनत जाया होता है। यही वजह है कि रेशम की बाजार में कीमत इतनी ज्यादा है। इसके बाद इससे निकले इस पीले रंग को धागे को एक लूम पर लपेटकर इकट्ठा कर लिया जाता है। जिसके बाद इस धागे का उपयोग कपड़े बनाने में उपयोग किया जाता है। इससे मुख्य रूप से साड़ी बनाई जाती है।