EPFO कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) द्वारा नियोक्ता भविष्य निधि (ईपीएफ) के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इस संबंध में कहा गया है कि यदि किसी भी नियोक्ता द्वारा अपने कर्मचारियों के खाते में ईपीएफ की राशि जमा किए जाने में देर की जाती है तो उसे इसकी कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा। ऐसी स्थिति में नियोक्ता, कंपनी या मालिक को कर्मचारी के ईपीएफ अंशदान की भरपाई करनी होगी।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने भी बीते साल एक फैसला दिया है, जिसके अनुसार नियोक्ता द्वारा यदि कर्मचारी का ईपीएफ भुगतान किए जाने में देरी की जाती है तो इसकी भरपाई नियोक्ता को ही करनी होगी। वह भी व्याज के साथ। वहीं ऐसा नहीं किए जाने पर नियोक्ता के लिए पुलिस कार्रवाई के साथ ही दंडात्मक कार्रवाई के लिए भी तैयार रहना होगा। EPFO Late Deposit Interest Recovery Rules
नियोक्ता द्वारा कार्मचारी के अंशदान को जमा करने में होने वाली देरी के संबंध में की जाने वाली भरपाई के बारे में ईपीएफओ द्वारा ट्विटर पर जानकारी साझा की गई है, जिसमें बताया गया है कि कितनी ब्याज की राशि के साथ नियोक्ता के लिए अंशदान की भरपाई करनी होगी। किए गए ट्वीट में साफ कहा गया है कि “अंशदान पर चूक करने वाले नियोक्ता देय राशि पर नुकसान और ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं।” EPFO Interest
ईपीएफओ खाताधारकों को जानकारी दी गई है कि ईपीएफओ में राशि जाम की जा रही है या नहीं इसके संबंध में एसएमएस का माध्याम से जानकरी प्राप्त करते रहें। यदि किसी भी कर्मचारी के खाते में अंशदान जमा नहीं किया गया है तो इसकी शिकायत ईपीएफओ में की जा सकती है। अंशदान के साथ ही अन्य किसी भी प्रकार की जानकारी के लिए ईपीएफओ की वेबसाइट पर जाकर जानकारी प्राप्त की जा सकती है। EPFO Late Deposit
अंशदान समय पर जामा न करने पर नियोक्ता के लिए प्रति वर्ष की दर से लगने वाला ब्याज –
0-2 महीने 5%
2-4 महीने 10%
4-6 महीने 15%
6 महीने से अधिक 25%