बंसल न्यूज। भारतीय रेलवे ने वर्ष 1999 में एचएचपी डीजल इंजनों के रखरखाव के लिए हुबली में डीजल लोको शेड की स्थापना की थी। शेड की लोकोमोटिव होल्डिंग वर्ष 2000 में 13 लोकोमोटिव से बढ़कर 2022 में 239 लोकोमोटिव हो गई है। अब दक्षिण पश्चिम रेलवे इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव की ओर तेजी से बढ़ रही है। जानकारी के मुताबिक हुबली शेड को इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव के साथ बढ़ाया जा रहा है। शेड को अगस्त 2022 के महीने में पहला इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (WAG9HG) प्राप्त हुआ था। इसी दिशा में आज सोमवार को पहला 2 एसी इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव (मल्टीपल यूनिट) को झंडी दिखाकर रवाना किया गया और राष्ट्र की सेवा के लिए समर्पित किया गया।
New Beginning!
The First 2 AC electric locomotives (multiple unit) namely ‘Malaprabha’ & ‘Ghataprabha’ were flagged off and dedicated to the service of the nation from Diesel Loco Shed, Hubballi of @SWRRLY pic.twitter.com/51cMk5W9Kf
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) September 26, 2022
यह रहे मौजूद
इस दौरान दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक संजीव किशोर, पीके मिश्रा, एजीएम/दपरे, जयपाल सिंह, प्रधान मुख्य विद्युत अभियंता, अरविंद मलखेड़े, मंडल रेल प्रबंधक, हुबली व अन्य प्रमुख विभागाध्यक्ष, वरिष्ठ मंडल यांत्रिक अभियंता (डीजल लोको शेड), डीजल शेड के कर्मचारी, ट्रेड यूनियन के प्रतिनिधि उपस्थित थे। इसके अलावा, दक्षिण पश्चिम रेलवे के अतिरिक्त महाप्रबंधक पीके मिश्रा ने दक्षिण पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक संजीव किशोर की उपस्थिति में डीजल शेड, हुबली में लोकोमोटिव इंजन ल्यूब ऑयल स्टोरेज सुविधा का उद्घाटन किया। स्वच्छता पखवाड़ा के तहत महाप्रबंधक एवं अन्य सभी अधिकारियों की भागीदारी से श्रमदान एवं वृक्षारोपण भी किया गया।
यह होते हैं इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव
यहां आपको बता दें कि भारतीय रेलवे Indian Railways विश्व का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। लोगों की यात्रा को उनके बजट में करवाने के लिए समय के साथ ही ट्रेन की टेक्नोलॉजी में भी काफी बदलाव किया जा रहा है। लोकोमोटिव परिभाषा शब्द लैटिन शब्द लोको में निहित है – “एक जगह से”, और मध्ययुगीन लैटिन शब्द मकसद जिसका अर्थ है, “परिणामस्वरूप गति”। पहली बार 1814 में इस्तेमाल किया गया, यह लोकोमोटिव इंजन शब्द का संक्षिप्त रूप है। इसका उपयोग स्थिर भाप इंजन और स्व-चालित इंजनों के बीच अंतर करने के लिए किया गया था। लोकोमोटिव को आमतौर पर रेलकार, पावर कार या मोटरकोच भी कहा जाता है। लोकोमोटिव का उपयोग ट्रैक पर ट्रेनों को खींचने के लिए किया जाता है। ट्रेन को खींचने के लिए जो लोकोमोटिव ट्रेन के सामने की तरफ से जुड़ा होता है,इसे ट्रेन का इंजन कहा जाता है।