भोपाल। इस वक्त मध्यप्रदेश कांग्रेस कमेटी के मीडिया डिपार्टमेंट चेयरमैन केके मिश्रा अपने एक बयान को लेकर भारी विवादों में घिरे हुए हैं। ट्विटर-फेसबुक से लेकर अन्य सोशल साइटों पर उनकी कड़ी आलोचना की जा रही है। दरअसल केके मिश्रा ने ब्राह्मणों को लेकर एक विवादित बयान दिया है। जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसपर उन्हें भारी विरोध का समाना करना पड़ रहा है।
डॉ हितेश बाजपेयी ने की कड़ी निंदा
प्रदेश प्रवक्ता व भाजपा सांसद डॉ हितेश बाजपेयी ने कड़ी निंदा करते हुए ट्वीट किया है। और कहा है कि कमलनाथ जी क्या कुछ करेंगे या मौन सहमति देंगे? कांग्रेस प्रवक्ता की ब्राह्मणों को लेकर कैसी अमर्यादित भाषा वीडियो वायरल क्या कांग्रेस ने फिर से सेल्फ गोल कर लिया है। दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि पहले ब्राम्हण समाज को 00$$%^% गाली और अब पत्रकारों के लिए अपशब्द! ये कैसे मीडिया विभाग अध्यक्ष ढूंढ कर लाये हो महाराज?
भाजपा से प्रीतम लोधी को किया है निष्कासित
यहां हम आपको बता दें कि ब्राह्मणों को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते भाजपा से प्रीतम लोधी को निष्कासित कर दिया गया है। यह मामला अब तक चल ही रहा था कि कांग्रेस नेता के बयान से फिर ब्राह्मण समाज और बीजेपी कड़ी आलोचना कर रहे हैं। कांग्रेस नेता केके मिश्रा द्वारा ब्राह्मणों को लेकर कहे गए अपशब्द पर लोगों ने कड़ा विरोध जताना शुरू कर दिया है।
पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे
एक कथित जानकारी के मुताबिक मध्यप्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग अध्यक्ष केके मिश्रा अलीराजपुर के कलेक्टर और एसपी को हटाए जाने पर भारतीय जनता पार्टी के विरोध में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। जब इस दौरान पत्रकारों ने उन्हें कैमरा चालू होने की बता बताई तो उन्होंने कहा कि चलने दो।
संस्कृति बचाओ मंच ने निष्कासित किए जाने की मांग की
संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने केके मिश्रा को कांग्रेस से तत्काल निष्कासित करने की मांग की है, उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ब्राह्मणों को गाली दी है, उससे पूरे ब्राह्मण समाज का अपमान हुआ है। हिंदू समाज का अपमान हुआ है। वे स्वयं ब्राह्मण होकर और ब्राह्मणों को अपशब्द कह रहे हैं। आप अभद्र भाषा का उपयोग कर रहे हैं ऐसे लोगों को कांग्रेस से तत्काल निष्कासित करना चाहिए। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से संस्कृति बचाओ मंच मांग करता है कि केके मिश्रा को तत्काल निष्कासित किया जाए