Aeroponic Potato Farming: हम ऐसा सोचकर चल रहे हैं कि, आप पहली बार हवा में आलू potato Farming in Air की खेती करने के बारे में यहां पढ़ रहे हैं। ऐसा इसलिए ताकि, आपका फायदा हो और आप घर में ही खेती करके शुद्ध सब्जियां खा सकें और ऐसा करने का आपका मन न भी हो, तो आप इस तकनीक का प्रयोग करके कम जमीन में खेती करके 10 गुना ज्यादा आलू बेच सकें ।
हम बात कर रहे हैं खेती-किसानी की एक नई तकनीक एरोपोनिक के बारे में. दरअसल, इस विधि में बिना मिट्टी और जमीन के हवा में खेती की जा सकती है. आइए अब जानते हैं इस खबर में कि, इस तरह की खेती कैसे होती है और इसके माध्यम से आपका फायदा कैसे होगा….सबकुछ
बढ़ जाएगी पैदावार Aeroponic Farming
भारत में आलू की खेती को बढ़ावा देने के लिए और कम जमीन में ज्यादा पैदावार बढ़ाने के लिए इस तकनीक की खोज हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र ने की है.यहां के कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इस तकनीक के माध्यम से खेती करने पर आलू की पैदावार 10 गुना तक बढ़ जाती है.खुशी की बात ये है कि भारत सरकार ने भी अब इस तकनीक के इस्तेमाल की किसानों को मंजूरी दे दी है। जिसके चलते किसान अब इस हवा में आलू की खेती करके अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे।
ऐसे होती है ये खेती
दरअसल एरोपोनिक तकनीक में आलू की लटकती हुई जड़ों में ही आलू की खेती की जाती है। लटकती हुई जड़ों को ही इतना पोषण दिया जाता है कि, उसमें मिट्टी और ज़मीन की ज़रूरत नहीं होती है और आलू की पैदावार 10 गुना हो जाती है. विशेषज्ञ कहते हैं कि एरोपोनिक तकनीक से खेती करना किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो रहा है. इससे किसान कम लागत और कम जगह में आलू की ज्यादा पैदावार हासिल कर सकते हैं. ज्यादा पैदावार होने की स्थिति में किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा.
आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता बढ़ जाएगी
हरियाणा के करनाल जिले में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र के मुताबिक आलू के बीज के उत्पादन की क्षमता को 3 से 4 गुणा तक बढ़ाया जा सकता है. इस तकनीक से सिर्फ़ हरियाणा ही नहीं, बल्कि अन्य राज्यों के किसानों को भी लाभ पहुंचेगा.
अन्य सब्जियों की भी हो सकती है खेती
इसका उपयोग पत्तेदार साग, स्ट्रॉबेरी, खीरे, टमाटर और जड़ी-बूटियों के उत्पादन के लिए किया जा रहा है. किसानों के बीच एरोपोनिक फार्मिंग को प्रोत्साहित किया जा सके इसके लिए हरियाणा के करनाल में स्थित आलू प्रौद्योगिकी केंद्र का इंटरनेशनल पोटेटो सेंटर साथ एक एमओयू (MOU) साइन हो चुका है. इसके अलावा किसानों को इस तकनीक के बारे में बताने के लिए ट्रेनिंग प्रोगाम भी आयोजित किए जा रहे हैं Aeroponic Farming.
उम्मीद है आप इस खेती को करने के बारे में सोचेंगे या छोटे स्तर पर ही करके अपने परिवार के लाभ के लिए सब्जियां लगाएंगे…और खबर शेयर करना नहीं भूलेंगे