Who Designed The National Flag of India: जब कभी भी हम राष्ट्रीय ध्वज को देखते है तो हमें बड़ा गौरव का अनुभव होता है। हर किसी के मन में तिरंगा के प्रति बड़ा ही आदर का भाव रहता है। हमरे देश का झंडा हमें भारतीय होने का गौरव तो देता ही जब भी हम तिरंगे को लहरते हुए देखते है। तब हमारे मन में देश भक्ति की भावना अपने आप जागृत हो जाती है। आज हम जिस तिरंगे को स्वतंत्र हवा में लहरते हुए देखते है इसके लिए अनगिनत बलिदानों,त्याग और एक लंबी लड़ाई के बाद हमारा देश औपनिवेशिक सत्ता की कैद से मुक्त हुआ। कई स्वतंत्रता सेनानी इस तिरंगे को हाथ में थामे निकले और देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी तब जाकर ये आज़ादी मिली है।क्या आपने सोचा है की हमारे राष्ट्र ध्वज का निर्माण कैसे हुआ। किसने इसका डिजाइन तैयार किया अगर नहीं तो आइए जानते है –
पहले बने कई और डिजाइन
हम जिस तरह का आज हमारे राष्ट्रीय ध्वज को देखते है पहले ये इस तरह का नहीं था। कई बार परिवर्तन होने के बाद हमारे राष्ट्र ध्वज को वास्तविक स्वरुप मिला। 1921 में महात्मा गांधी ने कांग्रेस के अपने एक झंडे बनाने की इक्छा जताई थी। जिसके बाद पिंगली वैंकैया ने झंडे का निर्माण किया। उस झंडे में देश के दो सबसे बड़े धार्मिक समुदायों हिंदू और मुसलमान को दर्शाते लाल और हरे रंग में बनाया गया था। उसके बाद लाल रंग की जगह केसरिया रंग कर दिया गया।
पिंगली वैंकैया ने दिया था वर्तमान स्वरूप
राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप की कल्पना पिंगली वैंकैया ने ही की थी। इसके लिए 1931 में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिसमे केसरिया,सफेद एवं हरे रंग के वर्तमान संयोजन वाले राष्ट्रीय ध्वज को फहराया गया। लेकिन वह ध्वज इस मामले में वर्तमान ध्वज से अलग था कि उसमें अशोक चक्र की जगह महात्मा गांधी द्वारा सूत कातने वाला चरखा बना हुआ था। उसके बाद अशोक स्तंभ में बने चक्र को लिया गया जिसके अंदर 24 तीलियां बनी हुई हैं उनको राष्ट्र ध्वज में स्थान दिया गया आज जिस स्वरूप में हम राष्ट्र ध्वज को देखते है उसको 22 जुलाई 1947 को संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया इस तरह से आज हम जो तिरंगा देखते है उसका निर्माण हुआ।