PIB Fact Check : सोशल मीडिया एक ओर मनोरंजन का सबसे अच्छा और सस्ता साधन है। सोशल मीडिया एक तरह से खबरों की दुनिया है। लेकिन सोशल मीडिया ठगी (PIB Fact Check) करने वालों के लिए सुनहरा मौका भी देती है, जिसके जाल में फंसकर कई लोग अपना नुकसान कर लेते है। ऑनलाइन ठगी करने वाले भोले-भाले लोगों को बेवकूफ बनाकर नुकसान पहुंचा देते हैं। सोशल मीडिया (PIB Fact Check) पर ऐसी कई खबरों वायरल होती रहती है। जिनमें एक खबर घर पर मोबाइल टावर लगाने वाली है। सोशल मीडिया पर सरकार की ओर से वाईफाई नेटवर्क को बढ़ावा देने के लिए मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। इस खबर के माध्यम से एप्लिकेशन फीस के तौर पर 740 रुपये मांगे जा रहे हैं। वही 30 लाख रुपये तक के फायदे का प्रलोभन दिया जा रहा है। साथ ही 25 हजार रुपये प्रति माह सैलरी की भी बात की जा रही है।
क्या है वायरल खबर
सोशल मीडिया पर एक मैसेज वायरल (PIB Fact Check) हो रहा है, जिसमें लोगों को उनके ग्राम सभा में डिजिटल इंडिया के तहत मोबाइल वाई-फाई टावर लगाने को कहा जा रहा है। इसके लिए उन्हें किराए के रूप में प्रति माह 25 हजार रुपये तक देने की बात कही गई है। इसमें उन्हें 30 लाख रुपये तक एडवांस और 20 साल तक का एग्रीमेंट करने की बात कही गई है। वायरल मैसेज में इस मोबाइल टावर को लगवाने के लिए किसी एक व्यक्ति को नौकरी भी देने की बात कही गई है, जिसके लिए उन्हें वेतन के रूप में 25 हजार रुपये भी देने की बात है। वायरल मैसेज में लोगों से मोबाइल टावर को लगवाने के लिए आवेदन फीस के रूप में 740 रुपये शुल्क जमा करने को कहा गया है। लोगों को कहा गया है कि आवेदन शुल्क जमा करने के 96 घंटे के अंदर काम शुरू करने की बात कही गई है।
एक पत्र में दावा किया जा रहा है कि भारत सरकार @_DigitalIndia मोबाईल वाई-फाई नेटवर्क के तहत टॉवर लगा रही है, जिसके आवेदन शुल्क के रूप में ₹ 740 जमा करने होंगे#PIBFactCheck:
▶️ यह दावा #फर्जी है
▶️ यह पत्र भारत सरकार द्वारा जारी नहीं किया गया है
▶️ यह धोखाधड़ी का एक प्रयास है pic.twitter.com/UZVbkwEs8E
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) July 30, 2022
क्या है सच्चाई
पीआईबी (PIB Fact Check) ने सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस मैसेज का फैक्ट चेक किया है। जिसमें ये मैसेज फर्जी पाया गया। पीआईबी (PIB Fact Check) ने कहा कि वायरल हो रहा ये मैसेज पूरी तरह से नकली है। सरकार ने डिजिटल इंडिया के तहत इस तरह का कोई आदेश नहीं दिया है।