नई दिल्ली। अभी तक मीन राशि Guru Vakri 2022 में चल रहे गुरू अब इसी राशि में उल्टी चाल शुरू करने वाले हैं। Jupiter retrograde जी हां ज्योतिषाचार्य पंडित अनिल पांडे के अनुसार बीते 13 अप्रैल को गुरु ने मीन राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद अब 29 जुलाई यानि अगले सप्ताह इसी राशि में वक्री होकर उल्टी चाल शुरू कर देंगे। जो 24 नवंबर तक इसी स्थिति में रहेंगे। इसके बाद ये पुन: मार्गी हो जाएंगे। गुरु की वक्री चाल से कुछ राशियों का भाग्योदय होने वाला है। आप भी जान लें कौन सी हैं वे राशियां।
वृषभ राशि —
गुरू का ये गोचर वृष राशि के 11वें भाव में वक्री होने जा रहें हैं। आपको बता दें गुरू का ये गोचर इस राशि के जातकों के लिए बेहद खास होने वाला है। इन्हें नौकरी का नए ऑफर मिल सकते हैं। व्यापार में लाभ के साथ—साथ आय में वृद्धि होगी। साथ ही आपकी कार्यशैली में भी सुधार होगा।
मिथुन राशि —
वक्री अवस्था के दौरान गुरू मिथुन राशि के 10वें भाव में रहेंगे। इस दौरान मिथुन राशि के जातकों की कार्यशैली में सुधार होगा। साथ ही साथ इनके लिए निवेश करने के लिए समय अच्छा है। जिससे आपको भविष्य में फायदा मिल सकता है। नौकरी में तरक्की मिल सकती है।
कर्क राशि —
देवगुरु बृहस्पति इस राशि के 9वें भाव में होने से इनका भाग्य चमकेगा। इनका भाग्य साथ देगा। व्यापारियों को मुनाफा होने वाला है। आय में वृद्धि होगी। साथ ही धार्मिक कार्यों में आपकी रूचि बढ़ेगी।
कुंभ राशि —
इस दौरान गुरू कुंभ राशि के दूसरे भाव में वक्री होंगे। आपको बता दें कुंभ राशि के जातकों को कार्यस्थल जैसे दफ्तर आदि में सभी का सहयोग मिलेगा। इस दौरान आपको उच्चाधिकारियों का विशेष साथ मिलेगा। धन लाभ के योग बनेंगे। साथ ही आप धन संचय कर पाएंगे।
इस भाव में गुरु होते हैं उच्च के —
अगर आपको नहीं पता है कि आपकी कुंडली में गुरु किस भाव में हैं। तो हम आपको बताते हैं। दरअसल गुरु को चौथे भाव यानि कर्क राशि में उच्च का माना जाता है। अगर आपकी कुंडली के चौथे भाव में गुरु लिखा है तो समझ जाइए आपके लिए गुरू बहुत अच्छा परिणाम देने वाले हैं। वहीं कुडंली के नवमें और बारहवें भाव यानि धनु और मीन राशि में ये अपनी उच्च राशि में माने जाते हैं। इस भाव में होेने पर भी ये अच्छा फल देते हैं। तो वहीं अगर आपकी कुंडली में ये दसवें भाव यानि मकर राशि में हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है।
गुरु के भाव —
चौथे भाव में उच्च के — कर्क राशि
नौवे और बारहवें भाव में स्व राशि के — धनु और मीन
दसवें भाव में नीच के — मकर राशि
गुरु इसलिए हैं खास —
ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह और 12 राशियों के आधार पर गणनाएं की जाती हैं। सभी ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह मान-सम्मान, विवाह, भाग्य, आध्यात्म, संतान के कारक ग्रह माना गया है। आज हम आपको साल 2022 में सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने जाने वाले बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बारे में बता रहे हैं कि साल 2022 में ये ग्रह किस राशि में रहेगा और कब-कब इसकी चाल में परिवर्तन देखने को मिलेगा।
जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति बलवान होते हैं उन्हें कई तरह लाभ प्राप्त होते हैं। जीवन में धन संपदा, मान सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है। बृहस्पति ग्रह किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लेते हैं। गुरु ग्रह को दो राशियों का आधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन। गुरु ग्रह जब भी कर्क राशि में आते तब वे उच्च के होते हैं यानी ये कर्क राशि में अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि में नीच के होते हैं।
गुरु की स्थिति —
12 अप्रैल
20 नवंबर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे गुरु अगले साल भी इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद नए साल के चौथे महीने यानि में 12 अप्रैल को कुंभ से अपनी स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे।
27 मार्च
फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। यहां पर करीब एक माह अस्त होने के बाद ये 27 मार्च 2022 को पुन: एक बार उदय होंगे।
13 अप्रैल
13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।
29 अप्रैल
देवगुरू बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।