Guru Ka Gochar 2022 : क्या आपकी राशि में भी चौथे भाव में हैं गुरू, तो खुल जाएगी आपकी किस्मत, ऐसे देखें अपनी कुंडली

Guru Ka Gochar 2022 : क्या आपकी राशि में भी चौथे भाव में हैं गुरू, तो खुल जाएगी आपकी किस्मत, ऐसे देखें अपनी कुंडली

Guru-Vakri-2023

नई दिल्ली। देवगुरू वृह्स्पति Guru Ka Gochar 2022 देवता के गुरू तो हैं ही साथ ही साथ आज जातकों के लिए सम्मान, विवाह आदि के कारक भी माने जाते हैं। कहते हैं अगर कुंडली में गुरु मजबूत हैं। तो आपके दिन फिरने में समय नहीं लगता। ज्योतिषाचार्य पंडित राम गोविन्द शास्त्री के अनुसार गुरु को ज्ञान और बुद्धि का कारक माना जाता है। एक माह बाद नया साल लगने वाला है। आइए हम आपको बताते हैं कि देव गुरु वृहस्पति अगले साल यानि 2022 में कितने बार अपना राशि परिवर्तन करेंगे। साथ ही यह भी जानिए कि ये बदलाव कब—कब होगा।

इस भाव में गुरु होते हैं उच्च के —
अगर आपको नहीं पता है कि आपकी कुंडली में गुरु किस भाव में हैं। तो हम आपको बताते हैं। दरअसल गुरु को चौथे भाव यानि कर्क राशि में उच्च का माना जाता है। अगर आपकी कुंडली के चौथे भाव में गुरु लिखा है तो समझ जाइए आपके लिए गुरू बहुत अच्छा परिणाम देने वाले हैं। वहीं कुडंली के नवमें और बारहवें भाव यानि धनु और मीन राशि में ये अपनी उच्च राशि में माने जाते हैं। इस भाव में होेने पर भी ये अच्छा फल देते हैं। तो वहीं अगर आपकी कुंडली में ये दसवें भाव यानि मकर राशि में हैं तो आपको सतर्क रहने की जरूरत है।

गुरु के भाव —

चौथे भाव में उच्च के — कर्क राशि
नौवे और बारहवें भाव में स्व राशि के — धनु और मीन
दसवें भाव में नीच के — मकर राशि

गुरु इसलिए हैं खास —
ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह और 12 राशियों के आधार पर गणनाएं की जाती हैं। सभी ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह मान-सम्मान, विवाह, भाग्य, आध्यात्म, संतान के कारक ग्रह माना गया है। आज हम आपको साल 2022 में सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने जाने वाले बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बारे में बता रहे हैं कि साल 2022 में ये ग्रह किस राशि में रहेगा और कब-कब इसकी चाल में परिवर्तन देखने को मिलेगा।

जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति बलवान होते हैं उन्हें कई तरह लाभ प्राप्त होते हैं। जीवन में धन संपदा, मान सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है। बृहस्पति ग्रह किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लेते हैं। गुरु ग्रह को दो राशियों का आधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन। गुरु ग्रह जब भी कर्क राशि में आते तब वे उच्च के होते हैं यानी ये कर्क राशि में अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि में नीच के होते हैं।

अगले साल 2022 में ऐसी होगी गुरु की स्थिति —

12 अप्रैल
20 नवंबर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे गुरु अगले साल भी इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद नए सा​ल के चौथे महीने यानि में 12 अप्रैल को कुंभ से अपनी स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे।

27 मार्च
फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। यहां पर करीब एक माह अस्त होने के बाद ये 27 मार्च 2022 को पुन: एक बार उदय होंगे।

13 अप्रैल
13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।

29 अप्रैल
देवगुरू बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह –

नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

ram govind shashtri

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