Compassionate job New Rool: नौकरी के दौरान जान गंवाने वाले कर्मचारियों के परिजनों को अनुकंपा (compassionate) के आधार पर नियुक्त से संबंधित बड़ी खबर है।बता दे गृह मंत्रालय ने (compassionate) के आधार पर नियुक्त करने की संशोधित नीति को लागू कर दिया है।खुशी की बात ये है सरकार की इस संशोधित नीति से केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के साथ साथ गृह मंत्रालय के अंतर्गत काम कर रहे सभी कर्मचारियों को फायदा मिलेगा।गृह मंत्रालय (MHA) के मुताबिक इस नीति का उद्देश्य सरकारी कर्मचारी के आश्रित परिवारजन को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देना है। इस नीति के तहत ऐसे कर्मचारी जिनकी सेवा के दौरान मृत्यु हो गई हो या वो मेडिकल आधार पर सेवानिवृत हो गए हैं, उनके परिवारों को आर्थिक संकट से निकालना इस योजना का लक्ष्य है। सबसे बड़ी बात अब ये है कि, नियम का फायदा पाने वालों में वो कर्मचारियों भी हैं जो किसी बिमारी या अन्य चिकित्सीय आधार पर नौकरी (Government Job) में समर्थ नहीं रहते हैं और उन्हे सेवानिवृत्त होना पड़ता है।
कैसे मिलेगा अनुकंपा का लाभ
नीति में कई नये कदम उठाए गयें हैं जिससे जरूरत मंद परिवारों को जल्द राहत मिल सके। और उन्हें अधिक परेशान हुए बगैर नौकरी के लिए ज्यादा परेशान न होना पड़े…नए नियमों के मुताबिक अब
-वेलफेयर ऑफिसर की भूमिका रखी गई है- वेलफेयर ऑफिसर परिवारों की मदद करेंगे। प्रक्रिया के तहत अधिकारी परिवारों की प्रोसेस का जानकारी देंगे और आवेदन भरने में मदद करेंगे।
-प्वाइंट आधारित मेरिट योजना,
-सभी आवेदकों को अलग पहचान नंबर देना आदि शामिल किए गए हैं।
सरकार के इन कदमों से पूरी प्रक्रिया पारदर्शी होगी वहीं परिवारों को योजना का लाभ उठाने में आसानी मिलेगी।वहीं अनुकंपा नियुक्ति के किए गए फैसले पर विचार एक कमेटी करेगी और अपना निर्णय आगे अथॉरिटी को भेजेगी। योजना के अनुसार पहले परिवार की आर्थिक स्थिति का आंकलन किया जाएगा। इसमें कमाने वाले सदस्य, परिवार का आकार, उनकी जरूरतों पर भी विचार किया जाएगा। परिवार प्रकिया को आसानी से पूरा कर सके इसलिए वेलफेयर ऑफिसर परिवार की पूरी मदद करेंगे।
अपने आप नहीं मिलती अनुकंपा पर नियुक्ति
पिछले साल ही उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि सरकारी कर्मचारी की मृत्यु के बाद आश्रित की नियुक्ति अपने आप नहीं हो सकती, बल्कि यह परिवार की वित्तीय स्थिति, मृतक पर आर्थिक निर्भरता और परिवार के अन्य सदस्यों के काम काज सहित विभिन्न मानकों की कड़ी जांच पर आधारित होती है। कोर्ट के मुताबिक इसी आधार पर कोई इसे अधिकार में गिन सकता। गृह मंत्रालय के नियमों के बाद अब ये जांच काफी पारदर्शी हो जाएगी साथ ही परिवारों की राहत के लिए प्रक्रिया का निपटान भी तेज हो सकेगा।Compassionate job New Rool