नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में सावन कृष्ण Sankashti Chaturthi 2022 चतुर्थी तिथि को गजानन संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) व्रत का बड़ा महत्व है। जो लोग इसे रखते हैं उनके लिए इस पूजा की विधि और चंद्रोदय का मुहूर्त जानना जरूरी है। क्योंकि चंद्रमा की पूजा के बिना ये गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत पूरा नहीं माना जाता है। जानते हैं तिथि, पूजा मुहूर्त एवं चंद्रोदय समय के बारे में।
गजानन संकष्टी चतुर्थी 2022 तिथि
हिन्दू धर्म में सावन के महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को यह व्रत रखा जाता है। इस बार इस व्रत का प्रारंभ 16 जुलाई दिन शनिवार को दोपहर 01 बजकर 27 मिनट पर हो रहा है। यह तिथि अगले दिन 17 जुलाई रविवार को सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक मानी जाएगी। चूंकि इस पूजन में चंद्र पूजन का विशेष महत्व है। चतुर्थी तिथि में चंद्रोदय का शुभ समय 16 जुलाई को आ रहा है, इसलिए गजानन संकष्टी चतुर्थी व्रत 16 जुलाई यानि आज शनिवार को ही मनाई जाएगी।
जानन संकष्टी चतुर्थी 2022 मुहूर्त —
पंडित राम गोविंद शासत्री के अनुसार सावन की संकष्टी चतुर्थी वाले दिन आयुष्मान योग सुबह से शुरू होकर रात 08:50 तक है। इसके बाद सौभाग्य योग शुरू हो जाएगा। जो 17 जुलाई की शाम 05:49 तक रहेगा। इस दिन शुभ समय या अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:00 बजे से लेकर दोपहर 12:55 मिनट तक रहेगा।
ये शुभ योग बनाएंगे खास
ज्योतिषाचार्यों की मानें तो संकष्टी चतुर्थी के दिन आयुष्मान योग और सौभाग्य योग का खास संयोग बन रहा है। हालांकि व्रत तो सुबह से ही प्रारंभ हो जाएगा। लेकिन पूजन के लिए चंद्रोदय का लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।
गजानन संकष्टी चतुर्थी 2022 चंद्रोदय समय
गजानन संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्रोदय का समय रात 09:49 मिनट पर है। आपको बता दें चंद्रोदय के दौरान ही अर्घ्य देकर पूजा करें। गजानन संकष्टी चतुर्थी का चंद्रमा रात में देर से उदित होते हैं।
गजानन संकष्टी चतुर्थी का महत्व —
शास्त्रों के अनुसार इस व्रत को करन से साथ ही गणेश जी की पूजा करने से सुख एवं समृद्धि में वृद्धि होती है। साथ ही विघ्न हर्ता हमारे सारे दुख दूर करते हैं।