नई दिल्ली। आज लोग घर में Laughing Buddha Vastu Tips हर चीज वास्तु के अनुसार अपनाते हैं। इसी क्रम में लोग वास्तु में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले लाफिंग बुद्धा की। जी हां पर क्या आपको पता है वैसे तो लाफिंग बुद्धा को खुशहाली और समृद्धता का प्रतीक माना जाता है लेकिन यदि लाफिंग बुद्धा गलत दिशा में रखा जाए तो ये आपके लिए भारी नुकसान साबित हो सकता है। घर के लिए लाफिंग बुद्धा की मूर्ति वास्तु के अनुसार बहुत शुभ मानी जाती है।
क्यों रखना चाहिए लाफिंग बुद्ध —
लाफिंग बुद्धा को सुख, संपत्ति, संतोष और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि लाफिंग बुद्धा की मूर्तियों को घर में सजाने से शुभ की प्राप्ति होती है। साथ ही लोग अपने घरों में सकारात्मक ऊर्जा और सौभाग्य के लिए इसे सजाते हैं।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, लाफिंग बुद्धा घर में सजाने से सकारत्मक उर्जा बढ़ती है। साथ ही इससे परिवार के सदस्यों का स्वास्थ्य भी अच्छा होता है। क्या आपको इस बात की जानकारी हैं कि अगर लाफिंग बुद्धा को सही दिशा में न रखा जाए, तो इसका कितना बुरा प्रभाव आपके जीवन पर पड़ सकता है।
अगर आप भी खुशहाली के लिए लॉफिंग बुद्धा रखना चाहते हैं तो इसके पहले आपको दिशा और स्थान का ध्यान रखना चाहिए।
किस दिशा में लगाएं लाफिंग बुद्धा (In Which Direction Laughing Buddha Should Be Placed) —
लाफिंग बुद्धा लगाते समय इस बात का रखें ध्यान —
लॉफिंग बुद्धा से जुड़ी सबसे पहली और जरूरी बात ये है कि इसकी कभी पूजा नहीं करना चाहिए।
घर के मुख्य द्वार पर कैसा हो लाफिंग बुद्धा —
- वास्तु में लाफिंग बुद्धा कई तरह के असर दिखाता है। साथ ही इसके लिए आपको इस बात का ध्यान रखना होगा कि यदि आप घर के मुख्य द्वार पर लाफिंग बुद्धा लगा रहे हैं तो इसकी साइज यानि ऊँचाई 30 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए।
- अगर इससे ज्यादा ऊँचाई होती है तो ये आपके लिए उल्टा प्रभाव डाल सकती है।
- इसके अलावा लाफिंग बुद्ध की दिशा भी ऐसी होनी चाहिए कि ये मुख्य द्वार के सामने रखा जाए। ताकि मुख्य द्वार का दरवाजा खोलें तो उसके सामने लाफिंग बुद्धा का चेहरा दिखाई दें।
- वास्तु शास्त्र के अनुसार लाफिंग मूर्ति की माप करीब आठ अंगुल की होनी चाहिए।
- लाफिंग बुद्धा की मूर्ति किचन,डायनिंग रूम एवं बेडरूम में बिलकुल नहीं रखना चाहिए।
नोट : इस लेख में दी गई सूचनाएं सामान्य जानकारियों पर आधारित है। बंसल न्यूज इसकी पुष्टि नहीं करता। अमल में लाने से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।