नई दिल्ली । New Chief of Lokpal केंद्र ने लोकपाल के नये प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है क्योंकि वर्तमान लोकपाल प्रमुख न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष (Lokpal Chief Justice Pinaki Chandra Ghose) का कार्यकाल इस महीने के आखिर में समाप्त हो रहा है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।
लोकपाल में एक अध्यक्ष होता है और इसमें आठ सदस्य- चार न्यायिक और बाकी गैर-न्यायिक हो सकते हैं। इस समय लोकपाल में छह सदस्य हैं और न्यायिक सदस्य के दो पद दो साल से अधिक समय से खाली पड़े हैं। लोकपाल अधिनियम को 2013 में पारित किया गया था। कानून में सरकारी अधिकारियों की कुछ श्रेणियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को देखने के लिए केंद्र में एक लोकपाल और राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने न्यायमूर्ति घोष को लोकपाल के प्रमुख के तौर पर 23 मार्च, 2019 को पद की शपथ दिलाई थी। एक अधिकारी ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति घोष 27 मई को अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। अगले लोकपाल प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू हो गयी है।’’ लोकपाल के प्रमुख और सदस्यों की नियुक्ति पांच साल के कार्यकाल के लिए या 70 साल की आयु पूरी होने तक के लिए होती है। न्यायमूर्ति दिलीप बी भोसले ने जनवरी 2020 में निजी कारणों से लोकपाल सदस्य के तौर पर इस्तीफा दे दिया था।
उन्हें इससे नौ महीने पहले ही इस पद पर नियुक्त किया गया था। एक अन्य लोकपाल सदस्य, न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) अजय कुमार त्रिपाठी की दो मई, 2020 को यहां एम्स ट्रोमा सेंटर में दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गयी थी। लोकपाल के प्रमुख और उसके सदस्यों की नियुक्ति राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर करते हैं। इस समिति के प्रमुख प्रधानमंत्री होते हैं। इसमें लोकसभा अध्यक्ष, निचले सदन में नेता प्रतिपक्ष, भारत के प्रधान न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित उच्चतम न्यायालय के कोई न्यायाधीश और एक प्रतिष्ठित विधिवेत्ता होते हैं।