World Malaria Day 2022: देश-दुनियाभर में आज विश्व मलेरिया दिवस मनाया जा रहा है वहीं पर मलेरिया जैसी बीमारी को देश में खत्म करने के लिए किस प्रकार के प्रयास किए गए इसे लेकर आज बात करेगें। कोरोना की तरह ही मलेरिया भी एक ऐसी बीमारी है जहां एक मच्छर के कांटने से आपकी जान भी जा सकती है। गर्मियों में जहां पर मच्छरों की तादाद होने से इस प्रकार की बीमारियां बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है।
इस दिवस पर क्या है खास थीम
इस बार आज विश्व मलेरिया दिवस (World Malaria Day 2022) की खास थीम की बात की जाए तो, “मलेरिया रोग के बोझ को कम करने और जीवन बचाने के लिए नवाचार का उपयोग” विषय है। जहां पर आज ऐसा कोई भी उपकरण उपलब्ध नहीं है जो मलेरिया की समस्या का समाधान कर सकता है। इस बीमारी को दूर करने के लिए डब्ल्यूएचओ ने काफी प्रयास किए है। नए वेक्टर नियंत्रण दृष्टिकोण, निदान, मलेरिया-रोधी दवाएं और अन्य उपकरणों के माध्यम से बीमारी को रोका गया है।
उत्तरप्रदेश में मलेरिया की रफ्तार हुई कम
आपको बताते चलें कि, मलेरिया के संक्रमण को दूर करने के लिए उत्तरप्रदेश सरकार ने थ्री-टी फॉर्म्युले (टेस्टिंग, ट्रीटमेंट और ट्रैकिंग ) का प्रयोग किया है। जिसके चलते ही मलेरिया के संक्रमण की दर तीन गुना तक कम हो गई है। मरीजों की संख्या में भी काफी कमी हुई है। आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 में लखनऊ में मलेरिया की संक्रमण दर 0.10 फीसदी थी। 2019 में 0.08 फीसदी रह गई, जबकि पिछले दो साल से महज 0.03 फीसदी ही है। बताते चलें कि, मलेरिया एक रोके जाने योग्य और उपचार योग्य संक्रामक रोग है। दुनिया के कई देश इस दिशा में पहले से ही काम कर रहे हैं। मलेरिया को वैक्सीन और उपचार के साथ ठीक किया जा सकता है।