मध्य प्रदेश में पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव से पहले सहकारिता चुनाव की घोषणा हो गई है। मप्र सहकारिता चुनाव का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। चुनावी प्रक्रिया के अनुसा एक महीने में 3500 सहकारी संस्थाओं में चुनाव कराए जाएंगे। जिनमें अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और संचालक का चुनाव होगा। कार्यक्रम के अनुसार, इसी माह 2000 संस्थाओं और अगले माह यानी मई में 1500 संस्थाओं के चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
26 अप्रैल को होगा मतदान
चुनावी कार्यक्रम के अनुसार 2000 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 6 अप्रैल से प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद 21 अप्रैल को नामांकन-पत्रों की जांच, उम्मीदवारों की अंतिम सूची का प्रकाशन और चुनाव चिह्न आवंटित किए जाएंगे। वही 26 अप्रैल को मतदान होगा और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे। करीब 1500 संस्थाओं के संचालक मंडल के चुनाव के लिए 22 अप्रैल को वोटर लिस्ट का प्रकाशन होगा और 29 अप्रैल तक आपत्तियां ली जाएंगी। वही अंतिम सदस्यता सूची का प्रकाशन 30 अप्रैल को किया जाएगा। वही सूची के खिलाफ अपील 2 से 5 मई तक की जा सकेगी।
आपको बता दें कि इसके पहले मार्च 2020 से सहकारी संस्थाओं के चुनाव लगातार टलते जा रहे थे, लेकिन अब जल्द चुनाव संपन्न होंगे। चुनावों को लेकर बीते दिनों सामान्य कामकाज के संचालन के लिए सहकारिता विभाग के अधिकारियों को प्रशासक बनाया गया था और सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी पदस्थ कर दिया था। राज्य सरकार ने पिछले महीने सहकारी संस्थाओं के चुनाव कराने के लिए मप्र राज्य सहकारी निर्वाचन प्राधिकारी के पद पर रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एमबी ओझा की नियुक्ति की थी। यह पद सितंबर, 2021 से खाली था।