भोपाल। मध्यप्रदेश राज्य के रिटायर्ड कर्मचारियों (Retired MP Employees) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने बड़ी राहत देते हुए एक अहम फैसला जारी किया है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश शासन (MP Government) को निर्देश जारी किए हैं। जिसमें कहा गया है कि 62 साल में रिटायर प्राध्यापकों को 65 साल तक पूरा वेतन (salary) देना होगा। वहीं राज्य सरकार को यह आदेश जारी करने के बाद अब रिटायर प्राध्यापकों को बड़ी राहत मिलेगी।
क्या था मामला
बता दें कि इस मामले में उच्च शिक्षा आयुक्त ने 10 जून 2020 को एक आदेश जारी किया था। जिसमें साल 2016 से 18 के बीच पूरा वेतन देने से इंकार कर दिया गया था। इस मामले में प्राध्यापकों को जबरदस्ती 62 साल की उम्र में ही सेवानिवृत किया गया था। कर्मचारी 65 साल की आयु पूरी किए बिना ही पद से रिटायर हो गए थे। वहीं मामले में प्राध्यापकों द्वारा सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की गई थी। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को 65 साल तक सेवा में बने रहने के आदेश दिए थे। ऐसा नहीं होने की स्थिति में 62 में रिटायर हुए प्राध्यापकों को 65 साल तक का पूरा वेतन अदा करने के आदेश जारी किए गए हैं।
सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने दिया आदेश
जस्टिस एल नागेश्वर राव की खंडपीठ द्वारा इस मामले में सुनवाई की जा रही थी। जिसके बाद राज्य शासन की अर्जी को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश राज्य सरकार को निर्देश दिए हैं कि 62 साल में रिटायर प्राध्यापकों को 65 साल तक का पूरा वेतन देना होगा।
अब आंगे क्या
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश सरकार को अनुदान प्राप्त महाविद्यालय से 59 साल की उम्र में रिटायर हुए सेवकों को 65 वर्ष की उम्र तक पूरे वेतन देने के निर्देश दिए गए हैं। अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन सरकार करेगी।