Punjab News: पंजाब की सरकार जहां अपने नियमों के साथ जनता से किए वादों को पूरा करने के लिए आगे बढ़ चुकी है वहीं पर चंडीगढ़ में कर्मचारियों पर केंद्रीय नियम लागू होने के ऐलान के बाद पंजाब सरकार का पलटवार सामने आया है जिसमें पंजाब के सूबेदार भगवंत मान ने इन नियमों को मानने से इनकार कर दिया है।
जानिए मान ने क्या कही बात
इसे लेकर सीएम मान ने बयान जारी करते हुए कहा कि, केंद्र सरकार एक तरफ अपने नियमों का हवाला देते हुए दूसरे राज्यों के अफसरों और कर्मचारियों को चंडीगढ़ पर थोप रही है। जहां पर इसे पंजाब पुनर्गठन एक्ट 1966 का उल्लंघन करार दिया। वहीं पर बता दें कि, हाल ही में चंडीगढ़ में दौरे के दौरान चंडीगढ़ के 23 हजार कर्मचारियों पर सेंट्रल सर्विस रूल्स लागू होने के बात कही थी जिसके लिए अधिसूचना आना बाकी है।
जानिए नए नियमों के क्या है फायदे
आपको बताते चलें कि, इन फायदों से रिटायरमेंट, चाइल्ड केयर लीव के साथ टीचर्स को भी काफी फायदा मिलेगा। कर्मचारियों के वेतन में भी इजाफा होगा। बताते चलें कि, पहले हर आदेश के लिए चंडीगढ़ के कर्मचारियों को पंजाब सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब नियमों के लागू होने के बाद सभी काम केंद्र के नियमों पर आधारित हो जाएंगे।
वित्त मंत्री चीमा ने भी दिया बयान
इस खबर पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने सोमवार को कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) केंद्र के इस फैसले का विरोध करेगी तथा इस मुद्दे पर ‘सड़क से संसद’ तक संघर्ष करेगी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा-नीत केंद्र सरकार ‘‘पंजाब-विरोधी फैसले’’ कर रही है। उन्होंने बीबीएमबी मुद्दे का भी उल्लेख करते हुए कहा कि वह (केंद्र सरकार) अब चंडीगढ़ पर पंजाब के अधिकारों को छीनने का प्रयास कर रही है। चीमा ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘केंद्र सरकार जान-बूझकर चंडीगढ़ पर पंजाब के दावे को दरकिनार करने के लिए कदम उठा रही है।’’ उन्होंने कहा कि जब से पंजाब में आप की सरकार बनी है, और मान-नीत सरकार ने ‘जनता के हितों’से संबंधित फैसले करने शुरू किये हैं, तब से भाजपा-नीत केंद्र सरकार डरी हुई प्रतीत हो रही है।