नई दिल्ली। बुद्धि का देवता Budh Ka Gochar 2022 और ग्रहों का युवराज कहे Budh Transits in Kumbh जाने वाले ग्रह, बुध बहुत Budh Transits in Kumbh जल्द अपना राशि परिवर्तन करने वाले हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह को वाणी, बुद्धि, चर्म, वात, पित्त और कफ का कारक माना जाता है। साथ ही इसकी गिनती नपुंसक ग्रहों में होती है। अभी तक 4 फरवरी से मकर राशि में मार्गी में चल रहे बुध 6 मार्च को कुंभ में प्रवेश करेंगे। बुध ग्रह की पदवी ग्रहों के बीच में युवराज की है। आइए हम आपको बताते हैं कि बुध का ये गोचर आपके लिए कैसा रहने वाला है।
ऐसी होती है बुध ग्रह की प्रकृति —
ज्योतिषाचार्य पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि के स्वामी है। अपने भ्रमण काल के दौरान जब बुध कन्या राशि में आता है तो उसे उच्च का कहा जाता है। जबकि मीन राशि में ये नीच के माने जाते हैं। कन्या राशि 16 से 20 अंश तक यह मूल त्रिकोण में माना जाता है।
मिश्रित स्वभाव का ग्रह है बुध —
बुध मिश्रित स्वभाव का ग्रह है। पापी ग्रह के साथ होने पर यह पापी हो जाता है। इसे हरा रंग का माना जाता है। किसी जातक का रंग जानने के लिए इसे श्याम वर्ण का माना जाता है। इसमें पृथ्वी तत्व की प्रधानता होती है। वाणी, बुद्धि, चर्म, वात, पित्त और कफ का विश्लेषण बुध ग्रह से किया जाता है। बुध प्रधान लोग अक्सर लेखक, कवि, गणितज्ञ, बैंकर, सीए, चित्रकार, प्रखर वार्ताकार और तर्क से सब को परास्त करने वाले होते हैं। बुध ग्रह के प्रभाव से लोगों को बैंकर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, व्यवसायिक बनते देखा गया है। अच्छे व्यवसाय के लिए जातक की कुंडली में बुध का मजबूत होना आवश्यक है। बुध राशि के जातक बहुत अच्छे शिल्पकार भी होते हैं। इस ग्रह को वैश्य जाति का ग्रह कहते हैं। इससे प्रभावित जातकों का भाग्योदय 32 वर्ष पर होता है।
बुध के गोचर का राशियों पर असर —
मेष-
इस राशि के 11वें यानी आय भाव में बुध का गोचर होने के कारण गोचर काल के दौरान आय वृद्धि के योग बनेंगे। बेवजह हो रहे खर्चों पर लगाम लगेगी। तीसरे यानी भाई-बहन, पराक्रम के, छठवें यानी रोग, विवाद और ऋण आदि भाव के स्वामी होने के चलते भाई-बहन का साथ मिलेगा। पुराने रोग उभर सकते हैं। आपके पराक्रम में वृद्धि होगी।
वृषभ –
इस राशि के दशम भाव में गोचर होने के कारण करियर में उछाल आ सकता है। इस राशि के दूसरे व पंचम भाव के स्वामी होने के कारण आर्थिक स्थिति मजबूत होगी। नई नौकरी का प्रस्ताव आ सकते हैं। व्यापार में लाभ के संकेत हैं।
मिथुन –
इस राशि के नवम यानी भाग्य और विदेश यात्रा भाव में बुध गोचर करेंगे। इस दौरान भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। जो काम शुरू करेंगे उसमें सफलता मिलेगी। व्यापार में नई डील फाइनल हो सकती है।
मकर –
मकर राशि के दूसरे भाव में बुध गोचर करेंगे। दूसरे भाव को धन व वाणी भाव कहा जाता है। इस दौरान आपको अटका हुआ धन प्राप्त होगा। बुध आपकी राशि के छठवें यानी सेवा, शत्रु भाव और नवम यानी समृद्धि और भाग्य भाव के स्वामी हैं। इसलिए गोचर काल में आपका भाग्य साथ देगा। गुप्त शत्रुओं से मुक्ति मिलेगी।
नए साल में बुध की चाल —
जनवरी — मकर राशि में
फरवरी — 4 फरवरी
मार्च — 6, 24 मार्च
अप्रैल — 8, 24 अप्रैल
मई — 10 मई
जून — 4 जून
जुलाई — 2, 16, 31 जुलाई
अगस्त — 20 अगस्त
सितंबर — 10 सितंबर
अक्टूबर — 1, 2, 26 अक्टूबर
नवंबर — 13 नवंबर
दिसंबर — 2 दिसंबर