Rahul Bajaj Passes away: शनिवार, 12 फरवरी 2022 को देश के बड़े उद्योपति राहुल बजाज का 83 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। पद्म भूषण से सम्मानित राहुल बजाज करीब 50 साल तक बजाज कंपनी के चेयरमैन रहे थे। भारत की धड़कन रहे चेतक स्कूटर बनाने का श्रेय राहुल बजाज को ही जाता है। उन्हें IIT रुड़की सहित सात विश्वविद्यालयों द्वारा डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया था।
बजाज का कारोबार कई क्षेत्रों में फैला है
10 जून 1938 को उनका जन्म बंगाल प्रेसीडेंसी में एक माडवाड़ी परिवार में हुआ था। मुख्य रूप से बजाज राजस्थान में स्थित सीकर जिले के काशीकाबास के रहने वाले थे। राहुल के बजाज समूह को देश-विदेश में निर्मित उत्पादों और फाइनेंशियल सर्वेसेज प्रदान करने के लिए जाना जाता है। बजाज समूह का बिजनेस दुपहिया वाहन, घरेलू उपकरणों, इलेक्ट्रिक लैम्प, पवन ऊर्जा, विशेष मिश्र धातु और स्टेनलेस स्टील, फोर्जिंग, बुनियादी ढांचे के विकास, सामग्री हैंडलिंग उपकरणों, यात्रा, जनरल और जीवन बीमा और निवेश में वित्तीय सेवाओं जैसे क्षेत्रों में फैला हुआ है।
दादा ने बजाज की रखी थी नींव
बजाज व्यवसायिक घराने की नींव राहुल के दादा जमनालाल बजाज ने रखी थी। आने वाली पीढ़ियों ने बजाज घराने के बिजनेस को आगे बढ़ाया। राहुल ने कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफेंस कॉलेज से अर्थशास्त्र (ऑनर्स) डिग्री और बंबई विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री ली है और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एमबीए थे।
भारत सरकार ने पद्म भूषण से किया था सम्मानित
राहुल एकमात्र ऐसे एक्जीक्यूटिव थे जो CII के दो बार अध्यक्ष रहे थे। CII देश की प्राइवेट पब्लिक सेक्टर की 5000 कंपनियों का प्रतिनिधित्व करती है। वे इंटरनेशनल एडवायजरी कमेटी के सदस्य भी थे। न्यूयार्क स्टॉक एक्सचेंज उनकी एक्सपर्टाइज का फायदा उठाता था। भारतीय उद्योग जगत में अपनी भूमिका के लिए साल 2001 में उन्हें भारत सरकार द्वारा तीसरा सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘पद्म भूषण’ प्रदान किया था।
राहुल बजाज का कैरियर
राहुल ने 1965 में बजाज समूह की बागडोर संभाली। उनके कुशल नेतृत्व में कंपनी ने लाइसेंस-राज जैसे कठिन समय में भी सफलता के नई बुलंदियों को छुआ। सन 1980 के दशक में बजाज दो पहिया स्कूटरों का शीर्ष निर्माता था। समूह के चेतक ब्रांड स्कूटर की मांग इतनी ज्यादा थी की इसके लिए 10 साल तक का वेटिंग-पीरियड था। राहुल कई कंपनियों के बोर्ड के अध्यक्ष भी थे। बजाज ग्रुप में बजाज ऑटो की अग्रणी कंपनी सहित 36 कंपनियां हैं। दुनिया की टू व्हीलर और थ्री व्हीलर निर्माता कंपनियों में बजाज ऑटो चौथी सबसे बड़ी कंपनी है।
इन पुरस्कारों से हो चुके हैं सम्मानित
आर्थिक और व्यापार के क्षेत्र में उनके बहुमूल्य योगदान को देखते हुए, राहुल को अनेकों पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। उन्हें साल 2001 में भारत सरकार द्वारा ‘पद्म भूषण’ प्रदान किया इसके अलावा उन्हें हार्वर्ड बिजनेस स्कूल द्वारा अलुमिनी अचीवमेंट अवार्ड भी प्राप्त था। फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति द्वारा “नाइट इन द आर्डर ऑफ़ द लीजन ऑफ़ ऑनर” भी नियुक्त किया गया था। भारत सरकार ने राहुल बजाज को 1975 से लेकर 1977 तक ऑटोमोबाइल और संबद्ध उद्योगों के विकास परिषद का अध्यक्ष बनाया था। साल 1975 में उन्हें राष्ट्रीय गुणवत्ता एश्योरेंस संस्थान द्वारा ‘मैन ऑफ़ द ईयर” के पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
साल 1990 में प्रबंधन के क्षेत्र में सबसे विशिष्ट सेवाओं के लिए उन्हें बॉम्बे मैनेजमेंट एसोसिएशन पुरस्कार प्राप्त किया गया। प्रिंस ऑफ़ वेल्स ने उन्हें “प्रिंस ऑफ़ वेल्स इंटरनेशनल बिजनेस लीडर्स फोरम” का सदस्य फरवरी 1992 में बनाया था।