नई दिल्ली। अर्चना गौतम को राजनीति की दुनिया की पहली झलक तब मिली जब कांग्रेस ने उन्हें उत्तर प्रदेश विधानभा चुनाव के लिए हस्तिनापुर सीट से अपने प्रत्याशी के तौर पर चुना। लेकिन अभिनेत्री और मॉडल रहीं अर्चन गौतम कहतीं हैं कि उन्हें पार्टी नेता प्रियंका गांधी के शब्द ‘भयभीत नहीं हों, मजबूत बनो’ साहस देते हैं। पूर्व मिस बिकनी इंडिया और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण परिवेश से आने वाली 26 वर्षीय अर्चना गौतम की राजनीति में यह शुरुआत है और वह सोशल मीडिया पर पुरानी तस्वीरों और अपमानजनक टिप्पणियों से उसी तरह से बेपरवाह हैं जिस तरह वह प्रतिद्वंद्वी भाजपा और अखिल भारतीय हिंदू महासभा के हमलों के आगे अडिग हैं। हस्तिनापुर से फोन पर ‘‘पीटीआई-भाषा’ को दिए साक्षात्कार में अर्चना गौतम ने कहा, ‘‘मैं भयभती नहीं हूं और आगे बढूंगी।’’
पिछले साल कांग्रेस में हुई थीं शामिल
अर्चना गौतम ‘ ग्रेट ग्रैंड मस्ती’’और ‘‘हसीना पार्कर’’जैसी फिल्मों के संक्षिप्त करियर के बाद पिछले साल नवंबर में कांग्रेस में शामिल हुई थीं। लेकिन वर्ष 2018 में मिस बिकनी इंडिया प्रतियोगिता की विजेता होने की पृष्ठभूमि की वजह से वह राजनीति प्रतिद्वंद्वियों के निशाने पर हैं। भाजपा ने गौतम को मेरठ जिले की सीट से खड़ा करने को लेकर कांग्रेस पर ‘सस्ते प्रचार’ में शामिल होने का आरोप लगाया है जबकि सोशल मीडिया पर भी उनकी पुरानी तस्वीरों और वीडियो के आधार पर ट्रोल किया जा रहा है। अर्चना गौतम ने बताया, ‘‘जब मैंने प्रियंका दीदी से बात की तो उन्होंने कहा, अर्चना आधे मन से इस दुनिया में कदम मत रखो। तुम अपनी तस्वीरों और वीडियो की वजह से ट्रोलिंग का शिकार हो सकती हो लेकिन तुम्हे भयभीत नहीं होना है और मजबूत रहना है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले ही प्रियंका दीदी के शब्दों से मुझे ताकत मिलती रही है और कुछ भी मुझे नहीं रोक सकता।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर किया भारत का प्रतिनिधित्व
अर्चना गौतम ने कहा कि लोगों को उनपर गर्व होना चाहिए जिसने भारत का प्रतिनिधित्व अंतरराष्ट्रीय मंच पर किया है। अर्चना गौतम ने कहा,‘‘ जो लोग मुझे कोस रहे हैं और मेरे बारे में फूहड़ बयान दे रहे हैं, उन्हें मैं बताना चाहती हूं कि मेरी दो पेशेवर जिंदगी हैं और वे दोनों एक दूसरे से अलग हैं। मैं चाहती हूं कि वे दोनों को मिलाएं नहीं क्योंकि मैंने भारत का अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिनिधित्व किया है। मैंने अपने देश को गौरवान्वित किया है।’’ उन्होंने कहा कि वह हस्तिनापुर से जुड़े द्रौपदी के कथानक को दोबारा लिखना चाहती हैं। उल्लेखनीय है कि ‘महाभारत’ में हस्तिनापुर कौरवों की राजधानी थी जिसपर कुरु वंश का शासन था और हस्तिनापुर की गद्दी के लिए पांडवों और कौरवों में युद्ध हुआ था। अर्चना गौतम ने कहा, ‘‘लोग मानते हैं कि इस धरती पर द्रौपदी का श्राप है कि यहां कभी समृद्धि नहीं आएगी। मेरा मानना है कि इस श्राप से मुक्त होने के लिए हमें बहुत कोशिश करनी होगी।’’
राजनीति मेरे लिए नई नहीं
अर्चना गौतम ने कहा,‘‘मुझे भरोसा है कि मैं यहां पर बदलाव ला सकती हूं क्योंकि मैं इस शहर में पैदा हुई और मेरी परवरिश यहीं पर हुई। मैं उन लोगों में नहीं हूं जो मुंबई से उड़कर यहां चुनाव लड़ने आए हैं। मेरा यहां घर है और मैंने यहीं से पढ़ाई की है।’’ मेरठ के आईआईएमटी से पत्रकारिता और जनसंचार की पढ़ाई करने वाली अर्चना गौतम कहती हैं कि राजनीति भले उनके लिए नयी हो लेकिन वह इससे अनभिज्ञ नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं बचपन से राजनीति को देख रही हूं। मैं हमेशा राजनीतिक दुनिया में हो रहे घटनाक्रम के प्रति सतर्क रही क्योंकि मैं बहुत समाचार देखती और पढ़ती हूं। मैं अकसर क्रोधित होती हूं जब देखती हूं कि जनता के साथ गलत हो रहा है।’’ जब पूछा गया कि राजनीति में आने के लिए किसने प्रेरित किया तो उन्होंने बताया कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का ‘ लड़की हूं, लड़ सकती हूं’ का आह्वान। वहीं उत्तर प्रदेश की भाजपा इकाई के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने कहा कि अर्चना गौतम की उम्मीदवारी दिखाती है कि कांग्रेस के पास कोई प्रत्याशी नहीं है और वह सस्ती लोकप्रियता के लिए किसी को भी उम्मीदवार बना रही है। अखिल भारतीय हिंदू महासभा और संत महासभा प्रमुख स्वामी चक्रपाणि ने भी कांग्रेस द्वारा मेरठ जिले की आरक्षित सीट से प्रत्याशी अर्चना गौतम पर हमला किया और कहा, ‘‘इस पार्टी से कोई उम्मीद नहीं की जा सकती है जो मानसिक रूप से दिवालिया हो चुकी है।’’ फैसले का बचाव करते हुए कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने नयी दिल्ली में कहा, ‘‘वह अन्य महिलाओं की तरह ही सम्मान की हकदार हैं। जो उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रहे हैं वे अपने महिला विरोधी रुख का ही प्रदर्शन कर रहे हैं।