नई दिल्ली। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत व 14 अन्य की जान लेने वाले हेलिकॉप्टर हादसे के करीब एक महीने बाद ट्राई सर्विस इन्क्वायरी पूरी चुकी है। दरअसल, तमिलनाडु के कुन्नूर के पास 8 दिसंबर हुए हादसे का मुख्य कारण में ‘मौसम की खराबी’ बताई जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, मौसम के कारण से Mi-17 V5 हेलिकॉप्टर के पायलट्स भ्रमित हुए और प्लेन क्रैश हो कर गिर पड़ा। एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह की अगुवाई में हुई इन्क्वायरी में यह जानकारी दी गई।
कहां जा रहे थे रावत
बतादें कि देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत पत्नी और कई बड़े अधिकारियों के साथ तमिलनाडु के एयरफोर्स स्टेशन सुलूर से वेलिंगटन जा रहे थे। यहां जाने के लिए आज सुबह ही दिल्ली से तमिलनाडु के लिए बिपिन रावत रवाना हुए थे।
देश के पहले सीडीएस बनाए गए थे
गौरतलब है कि जनरल बिपिन रावत को मोदी सरकार ने देश का पहला सीडीएस बनाया था। आर्मी चीफ के पद से 31 दिसंबर 2019 को रिटायर होने के बाद बिपिन रावत को यह पद सौंपा गया था। 31 दिसंबर 2016 को वे आर्मी चीफ बनाए गए थे। जनरल रावत को पूर्वी सेक्टर में LoC, कश्मीर घाटी और पूर्वोत्तर में काम करने का लंबा अनुभव था। अशांत इलाकों में काम करने के अनुभव को देखते हुए मोदी सरकार ने उन्हें दिसंबर 2016 में दो वरिष्ठ अफसरों पर तरजीह देते हुए आर्मी चीफ बनाया था।
कौन थे CDS बिपिन रावत?
-चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ यानी CDS 1 जनवरी 2020 को CDS बने थे बिपिन रावत
-भारतीय थलसेना के प्रमुख रहे बिपिन रावत
-31 दिसंबर 2016 से 31 दिसंबर 2019 रहे थल सेनाध्यक्ष
-उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल में हुआ जन्म
-चौहान राजपूत परिवार में हुआ जन्म
-रावत एक मिलिट्री टाइटल है
-गढ़वाल के शासकों ने कई राजपूतों को रावत टाइटल दिया
-पिता लक्ष्मण सिंह चौहान भी सेना में रहे
-पिता सेना में लेफ्टिनेंट जनरल रहे
-बिपिन रावत की कई पीढ़ी सेना में रहीं
-भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक की डिग्री हासिल की
-IMA देहरादून में ‘सोर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित हुए
-देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एमफिल किया
-मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में एमफिल किया
-चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी
-जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में पहली नियुक्ति हुई
-नेफा इलाके में तैनाती के दौरान बटालियन की अगुवाई की
-कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की
-01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला।