नई दिल्ली। पुरातत्वविदों की एक टीम ने एक ऐसे जहाज को खोज निकाला है जो करीब 170 वर्षों से पानी के अंदर था। यह जहाज ब्रिटेन से निकला था और तब से यह गुमनामी के अंधेरों में खो गया था। अंग्रेजी अखबार मिरर के अनुसार इस जहाज के साथ जॉन फ्रैंकलिन ने एक ब्रिटिश यात्रा का नेतृत्व किया था, जो कनाडा के आर्कटिक में नॉर्थवेस्ट पैसेज की खोज कर रहे थे।
इस जहाज में सवाल सभी लोगों की मौत हो गई थी
उस समय चालक दल दो जहाजों एचएमएस एरेबस और एचएमएस टेरर पर सवार थे। लेकिन वे किंग विलियम द्वीप के पास वर्फ में फंस गए जो अब कनाडा के नानावुत क्षेत्र में है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तब ये जहाज एक साल से अधिक समय तक बर्फ से ढके रहे थे और इसमें फ्रैंकलिन समेत 23 अन्य लोगों की मौत हो गई थी।
2016 में की गई थी जहाज की खोज
साल 2016 में इस जहाज की खोज की गई। लेकिन अब तक इसके मलबे की पूरी तरह से जांच नहीं किया गया था। ऐसे में साल 2019 में मलबे पर अध्ययन के लिए पार्क्स कनाडा के पुरातत्वविदों की एक टीम को अगस्त में गोता लगाने के लिए भेजा गया। इस टीम को लीड करने वाले रयान हैरिस ने नेशनल ज्योग्राफिक को बताया कि जब हम वहां गए तो ऐसा लगा कि जैसे जहाज वक्त के साथ जम गया हो।
पुरातत्वविद भी हैरान
पुरातत्वविदों ने खोज के समय जो निशान देखा उसे देखकर वे हैरान थे। क्योंकि चालक दल ने जिस स्थिति में जहाज को छोड़ा था वो आज वैसी ही स्थिति में मौजूद था। पुरातत्वविदों को इसे देखकर विश्वास करना मुश्किल था। जहाज के भीतर का मलबा भी जस के तस था। अंदर जहां खाने की प्लेटें थी वो अभी भी अमलमारियों में रखी हुई हैं।
साथ ही विस्तर और डेस्क भी जस के तस पड़ा हुआ है।