नई दिल्ली। भारत में ऐसे कई अनोखे मंदिर हैं, जिनके चमत्कारों के बारे में सुनकर कोई भी हैरान रह जाता है। ऐसे ही एक मंदिर की कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं जहां मंदिर के केतु को चढ़ाया गया दूध रंग बदलकर नीला हो जाता है। वैसे तो आपने कई शिवलिंग देखे होंगे, लेकिन जिस शिवलिंग की कहानी आज हम आपको बताने वाले हैं उसकी कहानी काफी अद्भुत है।
कहां स्थित है ये मंदिर
दरअसल, जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं। वो स्थित है राजस्थान के धौलपुर में। जहां शिव मंदिर में स्थित शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह के समय इस शिवलिंग का रंग लाल दिखाई देता है। दोपहर के समय इस शिवलिंग का कलर केसरिया हो जाता है। जबकि शाम होते ही इस शिवलिंग का स्वरूप सांवला हो जाता है। धौलपुर में अचलेश्वर महादेव Achaleshwar Mahadev Mandir के नाम से प्रसिद्ध मंदिर में लोग दूर-दूर से पहुंचते हैं।
मंदिर का इतिहास
खासतौर पर राजस्थान और मध्य प्रदेश के लोग यहां पहुंचते हैं क्योंकि मंदिर दोनों राज्यों के सीमा पर अवस्थित है। इस शिवलिंग के चमत्कार के बारे में आज भी कम ही लोग जानते हैं। इस शिव मंदिर का इतिहास 300 साल पुराना माना जाता है। यह शिवलिंग कितना लंबा है, इसकी सही जानकारी किसी को भी नहीं है। हालांकि इसका पता लगाने के लिए कई बार काफी गहराई तक खोदा गया, लेकिन फिर भी पता नहीं लगाया जा सका।
खुदाई बंद करनी पड़ी थी
आखिरकार इसे भगवान का चमत्कार मानकर खुदाई बंद करनी पड़ी थी। लोग मानते हैं कि इस शिवलिंग की लंबाई हर साल तिल-तिल कर बढ़ता है। यहां आकर जो कोई भी मंन्नते मांगता है उसकी कामना पूरी होती है।