नई दिल्ली। एक माह बाद Guru Ka Gochar 2022 नया साल लगने वाला है। सबसे बड़े और देवगुरु ग्रह वृहृस्पति Guru Ka Gochar 2022 साल के चौथे माह में अपनी राशि बदलेंगे। इसी के साथ इनका विभिन्न राशियों पर प्रभाव शुरू हो जाएगा। आइए हम आपको बताते हैं कि देव गुरु वृहस्पति अगले साल यानि 2022 में कितने बार अपना राशि परिवर्तन करेंगे। साथ ही यह भी जानिए कि ये बदलाव कब—कब होगा।
नया वर्ष शुरू होते ही सभी अपने भविष्य को लेकर भी चिंतित होने लगते हैं। नया साल उनके लिए कैसा होगा। किस ग्रह की चाल उनके लिए क्या प्रभाव डालेगी। इसी के साथ नए साल की गणनाएं हो जाती हैं। ग्रह-नक्षत्रों की चाल का अध्ययन कर देश- दुनिया और आम जनमानस के ऊपर पड़ने वाले प्रभावों की भविष्यवाणी की जाती है। आइए हम भी जानते हैं अगले साल गुरु कब—कब परिवर्तन कर अपना असर दिखाएगा।
गुरु इसलिए हैं खास —
ज्योतिष शास्त्र में कुल 9 ग्रह और 12 राशियों के आधार पर गणनाएं की जाती हैं। सभी ग्रहों में गुरु ग्रह सबसे ज्यादा शुभ फल देने वाले ग्रह माने गए हैं। ज्योतिष शास्त्र में गुरु ग्रह मान-सम्मान, विवाह, भाग्य, आध्यात्म, संतान के कारक ग्रह माना गया है। आज हम आपको साल 2022 में सबसे बड़े और शुभ ग्रह माने जाने वाले बृहस्पति (गुरु) ग्रह के बारे में बता रहे हैं कि साल 2022 में ये ग्रह किस राशि में रहेगा और कब-कब इसकी चाल में परिवर्तन देखने को मिलेगा।
अगले साल 2022 में ऐसी होगी गुरु की स्थिति —
12 अप्रैल —
- 20 नवंबर से कुंभ राशि में प्रवेश कर रहे गुरु अगले साल भी इसी राशि में रहेंगे। इसके बाद नए साल के चौथे महीने यानि में 12 अप्रैल को कुंभ से अपनी स्वराशि मीन राशि में गोचर करेंगे।
27 मार्च —
- फिर इसके बाद 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति अस्त हो जाएंगे। यहां पर करीब एक माह अस्त होने के बाद ये 27 मार्च 2022 को पुन: एक बार उदय होंगे।
13 अप्रैल —
- 13 अप्रैल 2022 को बृहस्पति अपनी खुद की राशि मीन में गोचर करेंगे। इसके बाद पूरे वर्ष ये मीन राशि में ही मौजूद रहेंगे।
29 अप्रैल —
- देवगुरू बृहस्पति 29 जुलाई 2022 को मीन राशि में वक्री हो जाएंगे। इसके बाद 24 नवंबर 2022 को बृहस्पति दोबारा से मार्गी होंगे।
ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह —
- जिन लोगों की कुंडली में बृहस्पति बलवान होते हैं उन्हें कई तरह लाभ प्राप्त होते हैं। जीवन में धन संपदा, मान सम्मान, प्रतिष्ठा और उच्च पद की प्राप्ति होती है।
- बृहस्पति ग्रह किसी एक राशि में गोचर करने के लिए लगभग 1 वर्ष का समय लेते हैं। गुरु ग्रह को दो राशियों का आधिपत्य प्राप्त है धनु और मीन।
- गुरु ग्रह जब भी कर्क राशि में आते तब वे उच्च के होते हैं यानी ये कर्क राशि में अच्छा फल प्रदान करते हैं जबकि मकर राशि में नीच के होते हैं।