नई दिल्ली। भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने मंगलवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस मनाया और प्रतिष्ठित व्यक्तियों ने देश में मीडिया के योगदान और विकास को याद किया। इस मौके पर पीसीआई ने ‘मीडिया से कौन नहीं डरता?’ विषय पर एक सेमिनार का आयोजन किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए, तमिल भाषा की पत्रिका ‘तुगलक’ के संपादक स्वामीनाथन गुरुमूर्ति ने मीडिया में स्वतंत्रता के पहले से लेकर आज तक आए बदलावों की चर्चा की।
सोशल मीडिया के बारे में बात करते हुए उन्होंने इसे ‘अराजकतावादी’ बताया और कहा कि इस पर पूर्ण प्रतिबंध लगना चाहिए, क्योंकि यह हर किसी की छवि, राष्ट्रीय सुरक्षा व राष्ट्रीय हितों के प्रति खतरा पैदा करता है। संगोष्ठी में भाग लेने वालों में से कुछ लोगों ने गुरुमूर्ति के सुझाव से असहमति जताते हुए कहा कि असत्यापित सूचनाओं के प्रसार को रोकने के लिए उपाय किए जाने की जरूरत है और गलत सूचना के प्रसार को रोकने के लिए सोशल मीडिया पर पूर्ण प्रतिबंध उचित कदम नहीं होगा।
सोशल मीडिया के सकारात्मक पहलुओं को रेखांकित करते हुए, प्रतिभागियों में से एक ने कहा कि इसने लोगों को किसी भी विषय पर स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त करने के लिए एक मंच प्रदान किया है।न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) चंद्रमौली कुमार प्रसाद की अगुवाई वाली पीसीआई ने कार्यक्रम में गुरुमूर्ति को विशिष्ट अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया था।