नई दिल्ली। वैसे तो विजयादशमी को बुराई पर अच्छाई के विजय के रूप में जाना जाता है। लेकिन इस दिन की कुछ खास बातें हैं। जिसमें लोगों को पान खिलाने और गिलकी खाने की परंपरा को बहुत खास माना जाता है। आइए हम भी आपको बताते हैं। कुछ ऐसी ही खास बातें।
दशहरा का त्योहार में भी अपने जीवन में अहंकार, लोभ, लालच और अत्याचारी वृत्तियों को त्यागकर क्षमारूपी बनकर जीवन जीना सिखाता है। भगवान श्रीराम की यह सीख बहुत ही सच्ची और हमें मोक्ष प्राप्ति की ओर ले जाने वाली है।
दशहरा पर क्यों खाते हैं पान
पान को विजयी का प्रतीक माना जाता है। विजयादशमी पर रामजी ने रावण पर विजय हासिल की थी। इसलिए इस दिन पान खिला कर विजय दिवस मनाया जाता है। पंडित रामगोविन्द शास्त्री के अनुसार पान को ऐश्वर्य का प्रतीक माना जाता है। एक—दूसरे के घर जाकर विजयादशमी की शुभकामनाएं दी जाती हैं।
आप भी जान लें इस दिन की खास बातें —
1 — इस दिन भगवान राम-सीता और हनुमान की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
2 — इस दिन करोड़ों रुपए के फूलों की बिक्री होती है और लोग अपने घर के दरवाजे फूलों की मालाओं से सजाकर उत्सव मनाते हैं।
3 — इस दिन लोग अपनी-अपनी क्षमतानुसार सोना-चांदी, वाहन, कपड़े तथा बर्तनों की खरीददारी करते हैं।
4 — इस दिन विजयादशमी पर शमी वृक्ष का पूजन किया जाता है। ऐसी माना जाता है कि महाभारत में पाण्डवों ने इस दिन युद्ध के समय शमी के पेड़ में ही अपने शस्त्र छिपाए थे।
5 — रावण रचित शिव तांडव स्तोत्र से भगवान शिव की आराधना की जाती है।
6 — देशभर में रावण के पुतले जलाए जाते हैं।
7 — दशहरे के दिन शहर-कस्बों और गांवों में श्रीराम-सीता स्वयंवर प्रसंग, रामभक्त हनुमान का लंकादहन कार्यक्रम, रामलीला का बखान करते हुए राम-रावण युद्ध के साथ रावण दहन किया जाता है।
8 — इस दिन खासतौर पर गिलकी के पकौड़े और गुलगुले (मीठे पकौड़े) बनाने का प्रचलन है।
9 रावण दहन के बाद एक-दूसरे के घर जाकर दशहरे की शुभकामनाएं दी जाती है। गले मिलकर, चरण छूकर आशीर्वाद लिया जाता है। शमी पत्ते बांटे जाते हैं। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।
10 —जो लोग नौ दिनों के व्रत रखते हैं वे इस दिन वाहन पूजन करके वाहन से अपने विजय पथ पर निकलते हैं।