नई दिल्ली। सुचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर (Prakash Javadekar) और केंद्रीय आईटी, टेलीकॉम मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने गुरूवार को सोशल मीडिया और OTT प्लेटफॉम को लेकर एक नई गाइडलाइन जारी की है। रविशंकर प्रसाद ने साफतौर पर कहा कि अगर कोई सोशल मीडिया कंपनी भारत में कारोबार करना चाहती है तो वह करें। लेकिन इस बात का ख्याल रखे कि इसका गलत इस्तेमाल ना हो।
कंपनियों को अलग से एक ऑफिसर की तैनाती करनी होगी
साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के एब्यूज और मिसयूज के खिलाफ यूजर्स को अपनी शिकायतों के को निर्धारित समय सीमा के अंदर हल किए जाने को लेकर एक फोरम मिलना ही चाहिए। कंपनियों को आगे से इसकी पूरी व्यवस्था करनी होगी। साथ ही इन कंपनियों को शिकायतों के निवारण के लिए अब एक ऑफिसर को भी तैनात करना होगा और इसकी जानकारी सरकार को देनी होगी।
न्यूडिटी के शिकायत पर 24 घंटे में करनी होगी कार्रवाई
बतादें कि सरकार ने साफतौर पर सोशल मीडिया कंपनियों को कहा है कि अगर कोई यूजर शिकायत करता है तो उसे 15 दिनों के भीतर दूर करना ही होगा। वहीं कोई अगर न्यूडिटी को लेकर शिकायत करता है तो सोशल मीडिया कंपनियों को 24 घंटे के भीतर इससे जुड़े कंटेंट को अपने प्लेटफॉम पर से हटाना होगा। साथ ही अब अफवाह फैलाने वाला पहला व्यक्ति कौन है उसकी भी जानकारी सरकार को देनी होगी।
कंपनियों को अपने कंटेंट स्पेसिफाई करना होगा
वहीं सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस दौरान OTT प्लेटफॉर्म को लेकर कहा कि सभी कंपनियों को अपने कंटेंट स्पेसिफाई करना होगा। जो कंटेट दिया जा रहा है वो किस उम्र के लोगों के लिए है। यानी फिल्मों की तरह अब उन्हें बताना होगा कि उनका कंटेंट कौन सी कैटेरी के तहत आता है। जैसे- U (यूनिवर्सल), U/A 7+, U/A 13+, U/A 16+, और A यानी एडल्ड। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अब आगे से इन चीजों पर ध्यान रखने के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी। इसके साथ कंपनियों को भी इस बात की जिम्मेदारी लेनी होगी की वो सेल्फ रेगुलेशन की इन प्रतिक्रियाओं को फॉलो करें।
सरकार OTT को अभी नहीं करेगी सेंसर
हालांकि सरकार ने इस दौरान ये साफ किया कि हम अभी किसी तरह का सेंसरशिप OTT प्लेटफॉर्म के लिए लेकर नहीं आ रहे हैं। OTT कंपनियों को इस बात का ध्यान रखना पड़ेगा कि वो सेल्फ रेगुलेशन लागू करें। वहीं सरकार जिस कमेटी को बनाएगी उसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज करेंगे या इसी श्रेणी का कोई दूसरा प्रख्यात व्यक्ति भी हो सकता है। कंपनी को अब प्लेटफऑर्म पर पैरेंटल लॉक देना होगा। साथ ही सभी कंटेंट के बारे में पूरी जानाकारी भी देनी होगी।
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