Love Jihad in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश में लव जिहाद के मामले किस हद तक परेशानी का कारण बने हुए थे, यह धार्मिक स्वतंत्रता अध्यादेश- 2020 के तहत पिछले एक माह में की गई कार्रवाई से सामने आया है। नए कानून के लागू होने के बाद शुरुआत के 23 दिनों में लव जिहाद के 23 मामले प्रदेश में दर्ज किए गए हैं। इनमें सबसे अधिक सात प्रकरण भोपाल संभाग के हैं।
प्रदेश में नए कानून के तहत भोपाल संभाग में सबसे ज्यादा 7, इंदौर में 5, जबलपुर एवं रीवा में 4-4 और ग्वालियर संभाग में 3 मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है।
— Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) February 11, 2021
वहीं लव जिहाद के मामले पर प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि, देश और प्रदेश में बड़े पैमाने पर ऐसे लोग सक्रिय हैं। मिश्रा ने बताया कि, भोपाल संभाग में सात, इंदौर संभाग में पांच, जबलपुर और रीवा संभाग में चार-चार और ग्वालियर संभाग में तीन मामले दर्ज हुए हैं।
Love Jihad Law: लव जिहाद के खिलाफ कानून MP में लागू, 10 साल तक की कैद का प्रावधान
गौरतलब है कि, लव जिहाद रोकने के लिए एमपी में बनाया गया धार्मिक स्वतंत्रता कानून 9 जनवरी को लागू हुआ। इस नए कानून के तहत अधिकतम एक से 10 साल तक के कारावास और एक लाख रुपए के जुर्माने का प्रावधान है। राज्य में सभी कलेक्टरों और एसपी को भी नए कानून के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
नए कानून में प्रवाधान…
- जबरन, भयपूर्वक, डरा- धमका कर, प्रलोभन देकर, बहला-फुसलाकर धर्म परिवर्तन करवा कर विवाह करने और करवाने वाले व्यक्ति, संस्था अथवा स्वयंसेवी संस्था की शिकायत प्राप्त होते ही तत्काल संबंधितों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
- शादी या किसी अन्य कपटपूर्ण तरीके से किए गए धर्मांतरण के मामले में अधिकतम 10 साल की कैद एवं 50 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान।
- अपना धर्म छिपाकर किए गए विवाह के मामलों में तीन से 10 साल की सजा और 50,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान।
- अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और नाबालिगों के धर्मांतरण से जुड़े मामलों में दो से 10 साल की कैद और 50,000 रुपये जुर्माने का प्रावधान।
- धर्मांतरण करने वाले व्यक्ति के माता-पिता, कानूनी अभिभावक या संरक्षक और भाई-बहन इस संबंध में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
- धर्मांतरण के इच्छुक लोगों को 60 दिन पहले जिला प्रशासन के पास आवेदन करने की जरूरत होगी।
- पीड़ित महिला कानून के तहत रखरखाव भत्ता पाने की हकदार होगी। ऐसी शादियों से पैदा हुए बच्चे पिता की संपत्ति के हकदार होंगे।