बैतूल। आस्था को किसी तरह की संपत्ति से तोला नहीं जा सकता। आस्था के सामने सभी सारी संपत्तियां कम हैं। प्रदेश के बैतूल जिले में आस्था ने आर्थिक हदों की चिंता न करते हुए भी एक मंदिर का जीर्णोद्धार करा रहे हैं। यहां रहने वाले पांच मजदूरों ने एक लाख रुपए का लोन लेकर भगवान के मंदिर की मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। प्रतिदिन दिहाड़ी कर गुजर करने वाले मजदूरों के पास इतना पैसा नहीं था तो बैंक से लोन लेकर भगवान के सिर पर छत डलवा दी।
बता दें कि यहां की एक बस्ती में इकलौता हनुमान मंदिर था। इस मंदिर की दीवारें टूटी हुई थी। इस मंदिर का भवन जर्जर हालत में था। यहां मजदूरी कर रहे 5 लोगों ने पहले तो जनप्रतिनिधियों और रसूखदारों से मदद मांगी। जब इन्हें किसी से मदद नहीं मिली तो एक माइक्रोफाइनेंस कंपनी से 1 लाख रुपए की राशि लोन ले ली। इस राशि से पांचों मजदूरों ने यहां के हनुमान मंदिर का जीर्णोद्धार कराया है।
मजदूरों ने कहा कि सोच-समझकर उठाया कदम
अब यह मंदिर पूरी तरह कंप्लीट हो जाएगा। यहां के मजदूरों का कहना है कि हमने यह लोन सोच-समझकर लिया है। इसे हम मजदूरी करके चुका देंगे। अब इस मंदिर का जीर्णोद्धार हो रहा है। इस बस्ती के रहवासियों का कहना है कि अब खुद के दम पर मंदिर का निर्माण हो रहा है। किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हमने कई लोगों से मदद मांगी लेकिन किसी ने भी सहायता नहीं की। अब हमारे श्रमबल और लोन के पैसों से इसका निर्माण हो रहा है।