मंदसौर: दुनिया में बहुत से लोग हैं जिनके नाम खास और अनोखे होते हैं। ऐसा ही एक नाम मध्य प्रदेश के मंदसौर में रहने वाले व्यक्ति का है। दरअसल, मंदसौर में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में एक कर्मचारी का नाम 26 जनवरी टेलर है। उनका कहना है कि गणतंत्र दिवस की तारीख होने से उन्हें अपने नाम पर गर्व है। हालांकि उन्हें कई बार परेशानियों को झेलना पड़ता है, लेकिन इसके बावजूद वे खुश हैं।
26 जनवरी 1966 पर हुआ था जन्म
26 जनवरी 1966 में सत्यनारायण टेलर के यहां पुत्र का जन्म हुआ तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने अपने बेटे का नाम ही 26 जनवरी टेलर रख दिया। कई बार परिजनों के द्वारा नाम पहदलने को कहा लेकिन 26 जनवरी के पिता अडिग रहे और उन्होंने नाम नहीं बदला। 1991 से वे डाइट में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी 26 जनवरी टेलर का नाम संस्थान में आने वाले नए अफसरों और नए लोगों को आश्चर्यचकित करता है लेकिन वे अपने नाम की कहानी सुनाते-सुनाते इतने आदि हो चुके हैं कि अब जब भी कोई उनके नाम की कहानी पूछता है तो वो तुरंत ही पूरा किस्सा सुना देते हैं।
कलेक्टर ने रोक दिया था वेतन
26 जनवरी टेलर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) में एक कर्मचारी हैं। इस साल वे अपनी नौकरी के 29 साल पूरे कर चुके हैं, लेकिन उन्हें इस नाम के चलते कई बार परेशानियों का सामना करना पड़ा है। एक बार तो कलेक्टर ने उनता वेतन तक रोक दिया था, जी हां, साल 1994-95 में जिले में पदस्थ रहे कलेक्टर ने तो नाम का प्रमाणीकरण मांगते हुए 26 जनवरी टेलर का वेतन रोक दिया था। तब जिस संस्थान में टेलर नौकरी कर रहे हैं, वहां के प्राचार्य ने कलेक्टर के सामने पहुंचकर नाम का प्रमाणीकरण किया, इसके बाद ही वेतन मिल पाया था।
अब नाम की वजह से सब देते हैं सम्मान
54 साल पूरे कर रहे 26 जनवरी टेलर कहते हैं कि जब कक्षा पांचवीं में पहुंचा तो स्कूल शिक्षक ने पिताजी से पूछा था कि बेटे का नाम बदलना चाहते हो तो बदल लो। एक बार बोर्ड परीक्षा में दर्ज हो गया तो फिर बदलाव नहीं होगा लेकिन पिताजी ने नाम बदलने से मना कर दिया। पहले जब नासमझ था तब लगता था कि पिताजी ने कैसा नाम रख दिया पर बड़े होने पर तारीख का महत्व पता चला। अब ऑफिस से लेकर मोहल्ले के लोग भी नाम की वजह से सम्मान देते हैं।