नयी दिल्ली, 15 जनवरी (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने भारतीय जनसंचार संस्थान में शैक्षणिक कार्य के लिये एक नये भवन और छात्रावास खंड तथा अतिथि गृह के निर्माण के लिये केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति की शर्तो के अनुसार 29 वृक्ष काटने की अनुमति प्रदान कर दी है।
प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे,न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रामासुब्रमणिन की पीठ ने इस तथ्य का संज्ञान लेने के बाद यह आदेश दिया कि शीर्ष अदालत द्वारा नियुक्त केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) ने इस मामले पर विवेचना की है और कुछ शर्तो के साथ अनुमति देने की सिफारिश की है।
पीठ ने अपने आदेश में कहा, ‘‘हमारी राय है कि सीईसी द्वारा निर्धारित शर्तो के आधार पर इसकी अनुमति दे दी जाये।’’
केन्द्रीय अधिकार प्राप्त समिति ने शीर्ष अदालत से सिफारिश की थी कि इस परियोजना की स्वीकृत लागत का पांच प्रतिशत रिज प्रबंधन बोर्ड कोष में जमा कराने और उसकी देखरेख में ही इस राशि का उपयोग दिल्ली सरकार के वन विभाग द्वारा दिल्ली रिज के संरक्षण के लिये करने के निर्देश पर अनुमति प्रदान की जाये।
अधिकार प्राप्त समिति ने अपने सिफारिश में कहा कि प्रस्तावित निर्माण के दौरान और निर्माण के बाद जनसंचार संस्थान के कब्जे वाली 16.2 एकड़ भूमि से गुजरने वाले बरसाती पानी के नाले के साथ किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं जायेगी। प्रस्तावित भवन की छत का इस्तेमाल सौर ऊर्जा के लिये किया जाना चाहिए।
समिति ने यह भी कहा कि भवन के नक्शे में ही विकसित क्षेत्र के अंदर बारिश के पानी के इस्तेमाल की व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए। इस परियोजना के तहत सिर्फ उन्हीं वृक्षों को काटा जाना चाहिए जो भवन निर्माण कार्य से बचाये नहीं जा सकते। इसी तरह जनसंचार संस्थान जेएनयू द्वारा उसे आबंटित 16.2 एकड़ भूमि को रेखांकित करेगा और प्रस्तावित निर्माण क्षेत्र का नक्शा जमा करेगा।
जनसंचार संस्थान के सहायक रजिस्ट्रार (प्रशासन) सुसोभन मंडल, ने न्यायालय को बताया कि इस परियोजना के लिये काटे जाने वाले 29 वृक्षों की एवज में संस्थान ने विभिन्न किस्मों में 300 पौधे लगाये हैं और इनकी सूची भी पेश की गयी है।
संस्थान ने कहा कि परियोजना के लिये काटे जाने वाले 29 वृक्षों में शीशम, कीकर और पपड़ी प्रजाति के वृक्ष शामिल हैं।
शीर्ष अदालत भारतीय जनसंचार संस्थान के एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी। संस्थान ने इस आवेदन में न्यायालय से 12,933 वर्ग मीटर में नया शैक्षणिक खंड, छात्रावास खंड और अतिथि गृह के निर्माण की अनुमति मांगी थी।
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अनूप नरेश
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