लखनऊ/ कानपुर/हमीरपुर (उप्र), 12 जनवरी (भाषा) कानपुर चिड़ियाघर में मृत मिले जंगली मुर्गे में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद राज्य में सतर्कता बढ़ा दी गई है। राज्य सरकार ने अधिकारियों को सचेत किया है कि इस मामले को लेकर लोगों में भ्रांति न फैले बल्कि सतर्कता और सावधानी बरती जाए।
इस बीच कानपुर और हमीरपुर समेत कई स्थानों पर मृत पक्षी पाये गये जिन्हें नमूना एकत्र करने के बाद वैज्ञानिक तरीके से खत्म कर दिया गया है।
मंगलवार को प्रदेश की राजधानी के योजना भवन में वीडियो कांफ्रेंस के जरिये प्रदेश के पशुधन, दुग्ध विकास एवं मत्स्य विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मण्डलीय अपर निदेशक एवं मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारियों के साथ बर्ड फ्लू के सम्बन्ध में गहन समीक्षा की।
चौधरी ने कहा है कि जनता में बर्ड फ्लू के प्रति फैल रही भ्रान्तियों को दूर करने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाय। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू से घबराने की नहीं बल्कि सतर्क और सावधान रहने की आवश्यकता है। उन्होंने पशुपालन विभाग को प्रदेश के सभी पोल्ट्री फार्मों का नियमित रूप से निरीक्षण करने व मृत पक्षी की सूचना प्राप्त होने पर तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
कानपुर से मिली खबर के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान यहां 51 कौवे और नौ कबूतर समेत 74 पक्षी मृत पाये गये हैं।
जबकि हमीरपुर जिले के भरुआ सुमेरपुर रेलवे स्टेशन के नजदीक पेड़ों के नीचे सोमवार को कुछ बगुले और कौए संदिग्ध परिस्थिति में मृत पड़े पाए गए थे, जिन्हें पोस्टमॉर्टम के बाद पशु चिकित्साधिकरियों ने जलाकर उनकी अवशिष्ट (राख) जमीन में गाड़ दी है।
कानपुर के जिला वन अधिकारी (डीएफओ) अरविंद यादव ने बताया कि चुन्नीगंज, फजलगंज, सीसामऊ, कल्याणपुर, केडीए कॉलोनी, बिल्हौर और चौबेपुर सहित 13 अलग-अलग शहरी और उपनगरीय इलाकों में मिले मृत पक्षियों के नमूने एकत्र करने के बाद वैज्ञानिक तरीके से उनका निस्तारण कर दिया गया है।
81 नमूनों को जांच के लिए आईवीआरआई, बरेली और भोपाल भेजा गया है एक अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, कानपुर चिड़ियाघर के सात बाड़ों में रखे गए 935 पक्षियों के नमूने भी सोमवार को लिए गए थे। उन्होंने कहा कि झील के पानी, मिट्टी और पक्षियों के मल का नमूना भी एकत्र किया गया है और आगे की जांच के लिए 20 नमूने बरेली में प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। चिड़ियाघर प्रशासन ने निगरानी के लिए चारों टावरों (जहां प्रवासी पक्षी बैठते हैं) के आसपास टीमें लगा दी हैं।
हमीरपुर से मिली खबर के अनुसार कानपुर चिड़ियाघर में मृत मिले जंगली मुर्गे में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद बुंदेलखंड़ के हमीरपुर, चित्रकूट और बांदा जिले का प्रशासन बेहद सतर्क हो गया है।
हमीरपुर के जिला पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. पंकज सचान ने मंगलवार को बताया कि मृत पाए गए बगुला और कौओं में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए, उनकी मौत अत्यधिक ठंड लगने से हुई है। फिर भी नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं।
उन्होंने बताया कि जिले के मुर्गा फॉर्मों से मुर्गियों के सैंपल लेकर आईवीआरआई जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि 70 डिग्री तापमान में बर्ड फ्लू के कीटाणु मर जाते हैं।
इसी प्रकार से चित्रकूट जिले में बर्ड फ्लू से निपटने के लिए प्रशासन ने चार टीमें गठित की है। सोमवार को अभियान चलाकर बरगढ़ और अहमदगंज में कई मुर्गा फॉर्मों की करीब दो सौ से ज्यादा मुर्गी मारकर उन्हें जमीन में दफनाया गया है।
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि बर्ड फ्लू की आशंका को देखते हुए बांदा के जिलाधिकारी ने पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर सीमावर्ती मध्य प्रदेश से आने वाली मुर्गियां, तीतर, बटेर और अंडों की आपूर्ति में प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही कहा गया है कि पशु चिकित्सा अधिकारी टीमें भेजकर मुर्गा फॉर्मों में जांच करें।
बांदा के अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मध्य प्रदेश की सीमा से लगे थानों मटौंध, गिरवां, नरैनी, फतेहगंज और कालिंजर को सतर्क कर दिया गया है, ताकि जिले में किसी तरह की मुर्गियों या अंडों की आपूर्ति न हो सके।
भाषा सं आनन्द जफर मानसी
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