जयपुर, छह जनवरी (भाषा) राजस्थान के सवाईमाधोपुर जिले में बुधवार को पक्षियों के संक्रमण के ताजा मामले सामने आने के बाद राज्य के पांच जिलो में बर्ड फ्लू फैल गया है।
इससे पूर्व एवियन इन्फ्लूएंजा संक्रमण एच5एन8 झालावाड़, कोटा, बारां और जयपुर जिलों में पाया गया था।
पशुपालन विभाग के अनुसार, बुधवार को राज्य में 410 और पक्षियों की मौत होने से राज्य में अब तक पक्षियों की मौत का कुल आंकड़ा 1458 पहुंच गया है।
पशुपालन विभाग के मंत्री लाल चंद कटारिया की अध्यक्षता में पोल्ट्री फार्म मालिकों के साथ एक बैठक आयोजित की गई।
विभाग के प्रमुख शासन सचिव कुंजी लाल मीणा ने बताया कि राज्य में 2500 पोल्ट्री फार्म मालिक हैं। उन्होंने बताया कि पोल्ट्री फार्म मालिकों को आवश्यक दिशानिर्देश जारी कर दिये गये हैं। अभी तक एवियन इंफ्लूएंजा संक्रमण एच5एन8 कौओं में पाया गया है जबकि एन5एन1 पोल्ट्री पक्षियों में पाया गया है।
मीणा ने बताया कि प्रत्येक जिले में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। मृत पक्षियों के निस्तारण के लिये दलों को पीपीई किट दिया जायेगा और त्वरित प्रतिक्रिया दल का गठन किया गया है।
अधिकारी ने बताया कि पोल्ट्री उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध तब तक नहीं लगाया जायेगा जब तक कि पक्षियों के संक्रमित होने के कोई ठोस सबूत नहीं मिलते हैं।
उन्होंने बताया कि डरने की कोई जरूरत नहीं है। वायरस कौओं में पाया गया है और पोल्ट्री पक्षियों में नहीं मिला है। राज्य स्तरीय प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव भी है जिसे केन्द्र सरकार द्वारा मंजूर किया जायेगा।
वहीं प्रदेश भाजपा ईकाई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को इस खतरे से निपटने के लिये जिस तरीके से काम करना चाहिए था, उतना नहीं किया गया।
एक बयान में भाजपा क प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में फैल रहे बर्ड फ्लू पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब फ्लेमिंगों पर संक्रमण हुआ था, तब राज्य सरकार ने आश्वस्त किया था कि प्रयोगशाला स्थापित किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर प्रवासी पक्षी भी राजस्थान आते हैं और स्थानीय पक्षी भी यहाँ सर्वाधिक हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की तरफ से कोई कार्ययोजना या गम्भीरता अभी तक नहीं दिखी है।
पूनियां ने कहा कि 200 से भी ज्यादा पक्षी मर चुके हैं, जो कहीं ना कहीं संक्रमण का शिकार हुए हैं। समस्या ये है कि संक्रमण पोल्ट्री तक पहुँचने के बाद यदि फैलेगा तो यह स्तनधारियों, मानव जीवन एवं पशुओं के लिए भी खतरा होगा।
भाषा कुंज पृथ्वी नीरज
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